महाराणा प्रताप भारत की स्वतंत्रता के पहले पुरोधा थे- फतेह बहादुर सिंह
— राणा प्रताप जयंती पर विशेषअजीत सिंह सिद्धार्थनगर। महासम्राट, शिरोमणि, शूरवीर, महायोद्धा, महाराणा प्रताप की जयंती पर आज 9 मई को आयोजित बैठक में उन्हें भरत की संप्रभता, एकता का झंडाबरदार बताया गया है। इस अवसर पर कहा गया है कि जब एक एक कर सारी शक्तियां मुगलों के सामने नतमस्तक थीं तो उन्होंने आजादी की अलख जलाए रखी। क्षत्रिय महासभा के मंडल अध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह के आवास पर आयोजित अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षक शेखर सिंह के नेतृत्व में हुई बैठक में सर्वप्रथम महाराणा प्रताप का माल्यार्पण किया गया। फिर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष फतेबहादुर सिंह ने कहा हम समस्त क्षत्रिय भाइयों को महाराणा प्रताप के संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए। जिन्होंने घास की रोटियां खाई, मगर पराधीनता स्वीकार नहीं किया। वास्तव में भारत की स्वतंत्रता के नलए लड़ने वाले पहले पुरोधा थे। उन्होंने क कि महाराणा प्रताप का यह अद्धितीय संघर्ष लोगों के लिए प्रेरणा लेने योग्य है। जयंती समारोह में सामाजिक दूरियों का पालन किया गया । जयंती समारोह में महासभा के राघवेंद्र प्रताप सिंह, राजन सिंह, अजीत सिंह, राकेश सिंह, उमेश सिंह, अनिल सिंह, प्रिंस सिंह, शिवेंद्र प्रताप सिंह आदि लोग उपस्थित रहे। |