पांच मौतों के बाद भी नहीं थम रहा रहा डायरिया का कहर, एक दर्जन नये मरीज सामने आये
–पिछले चार दिन में चार लोगों ने दम तोड़ा, सोमवार को हुई एक मौत, सादिया, याकूब, रहीम के बेटे आदि मौत के कगार
निजाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। बढ़नी विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रेड़वरिया से मौत का खतरा अभी टला नहीं है। डायरिया के कारण पिछले चार दिनों से एक एक कर पांच मौतें होने के बाद गांव में एक दर्जन नये मरीज हो गये हैं। इससे गांव में दहशत बढ़ती ही जा रही है। हालांकि स्वाथ्य विभाग अपनी ओर से लगाातर प्रयास कर रहा है लेकिन जनता में उसके प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।
एक गाँव में 5 मौत होना बड़ी बात है। सीएमओ भी लगातार गांव में स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। सोमवार देर रात को कुल 5 लोग गंभीर अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी ले जाया गया जहां से बाद में परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती रहे हैं। गंभीर स्थित में बढ़नी पी एच सी पर याकूब पुत्र छेदी उम्र 70, सादिया खातून पुत्री शाहआलम 15 वर्ष और रहीम रहीम भाई के दो बच्चों को रात 4 बजे पी एच सी बढ़नी ले जाया गया उसके बाद बढ़नी में निजी चिकित्सक के यहां इलाज करवा रहे हैं कुछ राहत है।
सादिया के पिता ने उनकी बेटी को रात डेढ़ बजे उल्टी होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी लेकर गए जहां 5 मिनट में 2 बोतल चढ़ा दिया गया और डॉ ने कहा कि आप मरीज को घर लेकर जाइये इससे ज्यादा व्यवस्था यहां नहीं है। मजबूर होकर लड़की को लेकर तुलसियापुर में निजी चिकित्सक के यहां इलाज करवाया बेटी आराम में हैं।
एक अन्य ग्रामीण लवकुश ने बताया कि डायरिया के कारण उसनके अपने पिता को जिला अस्पताल में भीर्ती कराया मगर कल उनकी मौत हो गई। वह पीएचसी के अलाज से असंतुष्ट दिखा और अब अपनी बीमार पत्नी को एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया है। कुल मिला कर गांव में एक दर्जन नये लाग डायरिया से पीड़ित हो गये हैं। ऐसी शिकायतें अस्ताल के एमओआईसी डा. डी.के. चौधरी के सामने कई अन्य लोगों ने बयान करते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की।
घटना की सूचना पाकर सपा नेता व नौगढ़ नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन जमील सिद्दीकी व क्षेत्र के पूर्व विधायक पप्पू चौधरी ने सोमवार को रेड़वरिया का दौरा किया । जमील सिद्दीकी ने मांग किया कि गांव के पंचायत भवन और विद्यालय खाली पड़े हैं।जिले से विशेष स्वास्थ्य दस्ता गांव में भेजकर मरीजों का गांव में ही इलाज सुनिश्चित किया जाना चाहिये। दोनों नेताओं ने अस्पताल प्रशासन के प्रति क्षोभ भी व्यक्त किया है।
बता दें कि रेड़वरियां गांव में पिछले पांच दनों से डायरिया के चलते मौत का तांडव जारी है। फलतः अब तक गांव की खैरुन्निशा उम्र लगभग 60 वर्ष, रुकसाना 8 वर्ष, धर्मराज 55 वर्ष, शमीमा 45 वर्ष व नुसरत 9 माह, इनमें से
शमीमा और नुसरत मां बेटी हैं, की मौत हो चुकी है तथा गांव में एक दर्जन मरीज अभी भी पीड़ित हैं।
इंसर्ट—
स्वास्थ्य प्रशासन बचाव का हर संभव प्रयास कर रहा है- पीएचसी प्रभारी
सिद्धार्थनगर। इस बारे में पीएचसी बढ़नी के प्रभारी डा. डी.के. चौधरी ने कहा कि कि इपताल की सक्रियता के कारण अब रेड़वरिया गांव की स्थिति कंट्रोल में है। हमारे चिकित्सक लगातार सात दिनों से यहां कैम्प कर रहे हैं। सभी का लगातार चेकअप किया जा रहा है। गांव में चिकित्सा की समस्त सुविधाएं मुहैया करा रहा हूं। इसके अलावा एक विशेष एंबुलेंस के भी इंतजाम में लगा हूं। किसी भी मरीज के साथ लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी।