बहुचर्चित रिजवान जहीर हाथी की सवारी पर, श्रावस्ती सीट पर बदल गये समीकरण
सग़ीर ए ख़ाकसार
बलरामपुर। तीन बार विधायक और दो बार सांसद रहे रिजवान ज़हीर को देवीपाटन मंडल में मुस्लिमों के बड़े सियासी चेहरे के रूप में जाना जाता है। वो सपा, कांग्रेस और पीस पार्टी में होते हुए एक बार फिर बसपा में शामिल हो गए हैं। उनके बसपा में आने से श्रावस्ती लोकसभा सीट के सियासी समीकरण अचानक बदल गए हैं। रिजवान ज़हीर से आज देर शाम मुलाक़ात हुई। देश और प्रदेश के सियासी हालात पर गुफ़्तुगू हुई।
1998 में तुलसीपुर से पहली बार निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर विधायक बने रिजवान ज़हीर ने कहा कि बसपा में शामिल होने का मकसद फासिस्ट वादी शक्तियों को उखाड़ फेंकना और साम्प्रदायिक ताकतों से त्रस्त जनता को छुटकारा दिलाना है। भाजपा के झूठ व फरेब से जनता आज़िज़ आचुकी है। ये सरकार सिर्फ सपने दिखाती है । जनता के असली मुद्दों शिक्षा,स्वास्थ्य,रोज़गार,किसानों की समस्या आदि से इनका कोई सरोकार नहीं है। बस एक वाहिद मकसद है इनका फुट डालो और राज करो।
रिजवान ज़हीर ने आगे कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां सामंतवादी सोंच की हैं और मेरी लड़ाई शुरू से ही सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ रही है। गरीबों, मज़लूमों को इंसाफ दिलाना मेरी ज़िंदगी का अहम फ़रीज़ा है। दो बार सपा से बलरामपुर के सांसद रहे रिजवान ज़हीर ने कहा कि देश और संविधान दोनों फिलवक्त खतरे में हैं । फर्जी राष्ट्रवादी ही देश के लिए खतरा बने हुए हैं।सामाजिक ताना बाना ,समरसता,भाईचारा ,आपसी सौहार्द सबकुछ खतरे में हैं। हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष मुल्क है। स्थानीय रीतिरिवाजों में ब्यापक भिन्नता के बीच हमारी एकता ही हमारी ताकत है।
अल्पसंख्यकों के शिक्षा के सवाल पर रिजवान ज़हीर ने कहा कि शिक्षा जिस क़ौम ने हासिल की उसने समग्र विकास किया। मुसलमानों में शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है।सिविल सेवाओं में व अन्य सेक्टर में मुसलमान तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। बलरामपुर में जल्द ही एक बड़े शिक्षा केन्द्र की स्थापना करूंगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और अल्पसंख्यकों के अन्य जरूरी मसलों पर भी उन्होंने अपनी बेबाक राय रखी।
वार्ता के दौरान राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल के केंद्रीय सदस्य और नेपाल हज कमेटी के पूर्व सदस्य जनाब किफ़ायतुल्लाह खान भी मौजूद रहे।