रोहित हत्याकांडः घर के आस पास ही मिल सकता है चौदह साल के मासूम का कातिल
अपराधशास़्त्र के जानकारों के मुताबिक ‘ब्लाइंड मर्डर केस’ में जांचकर्ता को ‘पुलिस गुरु’ थानेदार अस्करी के बताये रास्ते पर चलना चाहिए
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कपिलवतु पोस्ट ने आशंका व्यक्त किया था कि 14 मासू रोति को अकारण कत्ल करने की वजह किसी करीबी के अवैध सम्बंधों की जानकारी हो सकती है। इस जानकारी को बाहर न आने देने के लिए वह रोहित का कत्ल किर सकता है। खबर मिली है अब पुलिस भी इसी थ्यौरी पर काम कर रही है। यहां कपिलस्तु पोस्ट को इस बात के संकेत मिले हैं कि कातिल करीब का या यों कहें कि रोहित के घर के आस पास में हो सकता है।
पता चला है कि शोहरतगढ़ पुलिस गांव के तीन चार लोगों पर नजर रखे हुये है। उनमें से दो से गहन पूछताछ भी कर रही है। किसी भी प्रकार की हत्या में तब बहुत आसानी हो जती है, जब हत्या का उद्देश्य स्पष्ट हो जाता है। मगर यहां हत्या के कारणों पर पर धुंध छाया हुआ है। 14 साल के रोहित की न किसी से झगड़ाग था और न ही उसके परिवार से किसी की पुरानी रंजिश थी। गांव वालों के अनुसार उसका परिवार सामान्य और बेहद मिलनसार था।
अपराध शास्त्र कहता है कि जब ब्लाइंड मर्डर की घटना हो अर्थात हत्या का उद्देश्य स्पस्ट न हो तो पहला शक किसी करीबी पर होना चाहिए, जो गहरे भेद को छुपाने के लिए खामोशी से ऐसी हत्याएं कर सकता है। पुलिस के इतिहास में दारोगाओं के गुरू माने जाने वाले थानेदार अस्करी के जीवन वृत्त में ऐसे कई किस्से मिलते है, जिसमें आखिर में मृतक के मां बाप अथवा अन्य दूसरे करीबी ही उसके कातिल निकले, जिन्होंने अपना राज खुलने और लोक-लाज के भय से अपनों की जान ले ली।
रोहित हत्याकांड भी कुछ ऐसा ही लगता है। जिसने भी उसे मारा, शायद रोहित उसका कोई घृणित भेद जान गया था। गांव के कुछ लोग बाहर से आकर वहां रहने वाले एक व्यक्ति के बारे में दबी जुबान से चर्चा करते हैं। उसके रोहित के परिवार से बहुत करीबी सम्बंध भी थे। लोगों का कहना है कि इस कत्ल का रहस्य उसके सीने में भी छुपा हो सकता है। जिसके खुलने पर भूचाल आ सकता था।
बहरहाल कानून के दायरे को जानते हुए कपिलवस्तु पोस्ट सब कुछ स्पष्ट तो नहीं कह सकता परन्तु उसे अपने सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक कालित रोहित के बेहद करीब का हो सकता है और वह खुद भी रोहित के कत्ल पर हमदर्द बन कर दुख जाहिर कर रहा हो सकता है। अब यह पुलिस पर निर्भर है कि उसकी निगाहें कितनी तीक्ष्ण हैं और वह कातिल को कब पहचान सकेंगी।
ज्ञात रहे कि शोहरतगढ़ थाने के सिसवा गांव के प्रमोद का 14 वर्षीय पुत्र रोहित गत 13 फरवरी को घर से गांव में हो रहे एक घामिक कार्यक्रम को देखने गया था, मगर वह घर नहीं लौटा और 17 फरवरी को उसकी लाश गांव के बाहर पुआल में लिपटी मिली थी। उसे गला दबा कर मारा गया था। उसकी हत्या का कारण स्पष्ट न होने से घटना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।