परासी नाले की खुदाई में नियमों कि उड़ाई जा रही है धज्जियाँ , लूट की भरपूर छूट
आरिफ मकसूद
इटवा , सिद्धार्थनगर : इटवा तहसील क्षेत्र के हसुड़ी गांव से होते हुए बांसी तहसील क्षेत्र तक गई परासी नाला करीब 25 किलोमीटर दूरी तक नाले की खुदाई का कार्य सिंचाई विभाग के ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। ऐसे में करोड़ों की लागत से होने वाले इस खुदाई कार्य में ठेकेदार मनमानी से काम कर रहा है। समाजसेवी कमाल अहमद ने बताया कि खुदाई में जो मिट्टी निकल रही है, उसको वहीं किनारे रख दिया जा रहा है, ऐसे में बारिश के समय मिट्टी पूरी तरह बह कर वहीं पर आ जाएगी, जहां से खोदी गई है। मतलब नहर की खुदाई बेमतलब हो जाएगी। किसानों का कहना है कि अभी फसल लगी है ऐसे में मिट्टी खेत में जाने से फसल का काफी नुकसान हो रहा है।
इस सम्बन्ध में समाजसेवी कमाल अहमद ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए बताया है कि लम्बे समय से नाले की सफाई व खुदाई कि मांग कि जारही थी , जिसके बाद सरकार से करोडों की राशि स्वीकृत हुई। मगर जब खुदाई शुरू की गई, तो मानक दरकिनार कर दिया गया। एक तो चौड़ाई कम है, दूसरे मिट्टी को वहीं पर किनारे छोड़ दिया जा रहा है। हल्की बारिश में पुन: मिट्टी खुदाई स्थल में बह जाएगी। ठेकेदार निर्माण कार्य में मनमर्जी कर रहा है। खुदाई में की जा रही मनमानी के बाद भी विभाग की चुप्पी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। शिकायतकर्ता ने कहा कि जिलाधिकारी से लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायत की, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसें में क्षेत्र के किसानों में रोष व्याप्त है।