चुनाव में रुपया बांटने का विडियो वायरल, एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज, मगर साजिश से भी इंकार नहीं
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम मधवापुर में रुपये बांटे जाने का वायरल विडियो सुर्खियों मे है। आरोप है कि विडियो में बंट रहा रुपया पंचायत चुनाव के वास्ते दिया जा रहा था। विडियों में गेहूं की फसल साफ दिखाई दे रही है। वहीं पर यह विडियो बनाया गया है। पुलिस ने इस मामले में रूपये बांटने वाले ताबिज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। जबकि कुछ लोग विडियो की प्रसांगिकता पर भी सवाल उठा रहे हैं।
क्या है मामला
बताते है कि शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में साफ दिख रहा है कि व्यक्ति रुपये बांट रहा है। विडियो में पंचायत चुनाव के लिए रुपये बांटने की बात हो रही है। जब यह मामला पुलिस के संज्ञान में पहुंचा तो वह मामले की छानबीन में जुट गई। एसएचओ शोहरतगढ़ राजेंद्र बहादुर सिंह के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के संज्ञान में आने के बाद उसे गंभीरता से लिया गया। उक्त वीडियो में एक व्यक्ति की ओर से कुछ लोगों में रूपये बांटता दिखाई दे रहा है। वायरल वीडियो ग्राम मधवापुर के ताबिज अली निवासी मधवापुर पर आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दृष्टिगत लागू आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अपने पक्ष में वोट देने हेतु परितोषण दिया जा रहा था। उक्त व्यक्ति पर केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
ताबिज के पक्ष ने कहा विडियो फर्जी
दूसरी तरफ ताबिज अली व उनके पक्षधर लोगों का कहना है कि विडियो पुराना है। उस समय गेहूं की फसल हरी थी और बालियां सूखी नहीं थी। यानी कम से कम डेढ़ महीने पहले का है। उस समय गेहूं की फसल पूरी तरह हरी थी। दरअसल ताबिज खेत में मजदूर को उसकी मजदूरी दे रहा था। विडियों में भी पैसे लेने वाला मजदूर अपनी गरज न चल पाने की बात कर रहा था। उनका कहना है कि सह उनके खिलाफ साजिश है।
क्या है विडियो की असली कहानी
वीडियो चार दिन पूर्व का बताया जा रहा है। जबकि फसल एक पखवारे पूर्व ही पक चुकी है। और कटाई चल रही है। वीडियो तकरीबन एक डेढ़ माह पूर्व है। वायरल वीडियो पर गौर करें तो उसमें गेहूं की फसल हरी भरी दिख रही है। उस समय चुनाव की सरगर्मी शुरू हो चुकी थी। लेकिन सबको याद होगा की उस समय ग्राम पंचायतों के आरक्षण की सूची बन रही थी तथा प्रधानी की जोड़ तोड़ शुरू हो गई थी। उस समय हो सकता है कि ताबिज ने चुनाव के इरादे से ऐसा कुछ किया हो। मगर इसी समय हाई कोर्ट का फैसला आ गया और पुराना आरक्षण रद कर दिया गया। नयी आरक्षण सूची में मधवापुर रिजर्व है, जहां ताबिज अथवा उनके परिजन लड़ ही नहीं सकते
इसलिए समझदार तबका मान रहा है कि विडियो असली है लेकिन उसका मौजूदा चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। यह एक साजिश हो सकती है, जिसमें कानून की बारीकियों के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की है। फिलहाल इस मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। क्योंकि ताबिज पक्ष बार बार इसे मजदूरी दने का मामला बता रहा है। उन सबका कहना है कि यह कुछ दलालों द्धारा ताबिजा को ब्लैकमेल करने की साजिश है। क्योंकि ताबिज मुम्बई के कारोबार के बल पर सक्षम माने जाते हैं।