लाँकडाउन के दौरान 50 दिनों में 6351महिलाओं ने कराया संस्थागत प्रसव
4064 ने सरकारी तो 2287 ने निजी अस्पतालों में कराया प्रसव
शिव श्रीवास्तव
महराजगंज। कोरोना की वजह से किए गए लाँकडाउन के दौरान भी जनपद में 50 दिनों में 6351 महिलाओं ने संस्थागत प्रसव कराया। इनमें से 4064 ने सरकारी तो 2287 ने निजी अस्पतालों में प्रसव कराया। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लाँकडाउन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की भी कई गतिविधियां एवं सेवाएँ प्रभावित हुई। मगर संस्थागत प्रसव को लेकर विभाग गंभीर रहा। कारण स्वास्थ्य विभाग द्धारा शत प्रतिशत गर्भवती संस्थागत प्रसव कराना बताया जाता है।
इसके लिए जहाँ गांव गांव आशा कार्यकर्ता लगाई गई है, वहीं विभाग द्वारा समय-समय पर गर्भवती की जांच एवं जागरूकता की भी व्यवस्था किया गया है। इतना ही नहीँ संस्थागत प्रसव के लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि भी निर्धारित की गयी है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाँ राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि मातृ-शिशु कल्याण के लिए सुरक्षित मातृत्व दिवस पर गर्भवती महिलाओं की जांच, उपचार एवं टीकाकरण के साथ साथ संस्थागत प्रसव पर भी जोर दिया जाता है। यदि लाँकडाउन के दौरान 50 दिनों में कराए गए संस्थागत प्रसव( पहली अप्रैल से 20 मई) की स्थिति पर गौर किया जाय तो इस विषम परिस्थितियों में कुल 6351 गर्भवती ने संस्थागत प्रसव कराया है।
जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव की स्थिति
सरकारी आंकड़ों के अनुसार समाचार लखने तक जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों यथा नौतनवा में 323, मिठौरा में 447, लक्ष्मीपुर में 347, घुघली में 371, फरेन्दा में 257,सिसवा में 363,परतावल में 347, निचलौल में 379, बहदुरी में 298, पनियरा में 285,धानी में 197,महराजगंज में 236, जिला अस्पताल में 167 तथा अर्बन हेल्थ पोस्ट पर 47 गर्भवती ने संस्थागत प्रसव कराया है।