पुलिस जुल्मः प्रेम प्रसंग में संतकबीर नगर से आई पुलिस की गुंडई, घर में नहा रही महिला अर्धनग्न अवस्था में घर से भागी
— बाहर निकलकर सहायता मांगने पर मजबूर महिलाओं से की बदसलूकीए अमर उजाला पत्रकार से बदतमीजी की और मोबाइल तोड़ा
निज़ाम अंसारी
सिद्धार्थनगर। खलीलाबाद की लड़की बनाम शोहरतगढ़ का लड़का प्रेम प्रसंग के मामले में दबिश के लिए संतकबीरनगर से आये एक दबंग, बेअन्दाज दारोगा ने अपनी दबंगई दिखाते हुए सीधे लड़के के घर में घुस कर स्नन कर रही महिलाओं के साथ हाथापाई की और बीडीओ बना रहे अमर उजाला पत्रकार प्रशांत मिश्रा के साथ अभद्रता की। खबर पाकर हियुवा नेता सुभाष गुप्ता व स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा प्रभारी इंसपेक्टर के बीच-बचाव पर मामला किसी तरह शांत कराया।संतकबीर नगर पुलिस की इस हरकत की समूचे टाउन में निंदा हो रही है।
बताया जाता है कि आज यानी गुरुवार सुबह संतकबीर नगर जिले से आई पुलिस टीम शोहरतगढ़ कस्बे के वार्ड नं. एक अम्बेडकर नगर निवासी सुशील मधेशिया के घर में घुस गई। सुशील मधेशिया के भाई प्रदीप मधेशिया का खलीलाबाद की एक वयस्क लड़की से प्रेम प्रसंग काफी दिनों से चल रहा था और अभी हाल ही में प्रदीप उसे अपने घर ले आया था। लड़की के परिजन सूचना पाकर पुलिस के साथ दबिश देने के लिए संतकबीरनगर पुलिस, शोहरतगढ़ पुलिस के साथ घर पर आई और बिना पूछे ताबड़तोड़ घर मे घुस गई। पीड़ित सुशील मद्धेशिया के परिजनों ने बताया कि जबरदस्ती घर में घुस गई घर की औरतें घर में स्नान कर रही थीं। कार्यवाही इतनी दहशतनाक थी कि घर की औरतों को अर्धनग्न अवस्था में ही बाहर भागना पड़ा।
संतकबीरनगर पुलिस सुशील को जबरिया अपने साथ ले जाने लगी, जिसका बिरोध घर वालों ने किया। इसके साथ ही सुशील ने सन्तकबीरनगर पुलिस के एस आई बलराम पाण्डेय पर आरोप लगाया कि बिना परमिशन के मेरे घर में मेरी बुजुर्ग माता सहित घर की महिलाओं से मारपीट किये, और मुझे जबरिया खींच कर अपने साथ ले जा रहे थे, मगर उसी समय किसी कार्य से अमर उजाला फोटोग्राफर प्रशांत मिश्रा वहाँ पहुँचे औऱ जबरिया खींच तान के प्रकरण की विडियो बनाने लगे। विडियो बनाते समय नायब दरोगा ने उनके हाथ पर वार किया, जिससे मोबाइल डैमेज हुआ। और वही से स्थिति भयावह होने लगी।
बताते हैं कि किसी ने घटना की जानकारी शोहरतगढ़ नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि सुभाष गुप्ता व स्थानीय पुलिस को दी। मौके पर इंसपेक्टर राम आशीष यादव जी, चेयरमैन प्रतिनिधि सुभाष गुप्ता सहित सभासद संजीव जायसवाल, बाबूजी, राजेश आर्य, सभासद प्रतिनिधि रवि अग्रवाल, सभासद प्रतिनिधि अवधेश कुमार आर्या पहुँचे दोनो पक्षों को सुना और मामले को शांत कराया।
इस सब घटनाओं के बीच सवाल यह है कि संतकबीरनगर के दरोगा बलराम पाण्डेय द्वारा की गई दबंगई का जब बीडीओ फोटोग्राफर बीडीओ बना रहा था, तो कैमरे तोड़ने जैसी स्थिति क्यों बनी? सवाल यह भी है कि दबिश के नाम पर दरोगा की दबंगई से घर की महिलाओं के साथ कि गयी अभद्रता पर दरोगा जी को मैडल कब मिलेगा? सवाल यह भी है कि विशेषाधिकार का दुरुपयोग कर क्यों आरोपी के बड़े भाई को पुलिस क्यों ले जाना चाहती थी? मौके पर पहुँचे सुभाष गुप्ता ने दरोगा को कानून की पाठ पढ़ाई कर्तव्यों का बोध कराया सुभाष गुप्ता का वोल्टेज देखकर दरोगा जी को शर्मिंदा हो कर वापस जाना पड़ा।
बताते चलें कि युवती बालिग है और वह अपने फैसले खुद लेने के लिये स्वतंत्र है। इसके बावजूद दरोगा ने लड़का पक्ष से और मोहल्ले के बड़े बुजुर्गों से बात चीत करते हुए लड़की ले जाने की बात करनी चाहिये थी। इससे लड़के पक्ष पर दबाव पड़ता, लेकिन यू पी के दरोगा जी ने शायद कानून से कुछ अलग तरह का शपथ ले रखा था।