पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय के बेटे की सक्रियता से नए सियासी सूरज का उदय

February 14, 2021 4:02 PM0 commentsViews: 1471
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नजीर मलिक

गोरखपुर। यूपी के कद्दावर सियासी शख्सियत और पूर्व विधान परिषद सभापित गणेश शंकर पांडेय के बड़े पुत्र संतोष पांडेय के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रमों से महाराजगंज जिले की राजनीति गरमा गई है। आलोक पांडेय ने इस मौके पर जिस प्रकार अपनी सक्रियता दिखाई, उसके अनेक निहितार्थ निकाले जा रहे है। सवाल उठ रहा है कि क्या बसपा नेता गणेश शंकर पांडेय अपने पुत्र के भविष्य के लिए राजनीतिक जमीन तलाश कर रहे हैं, अथवा संतोष अपने पिता की तर्ज पर खुद ही राजनीति की ऊसर बंजर जमीन पर हरियाली बिखेरने के प्रयास में लग चुके हैं।

बसपा नेता गणेश शंकर पांडेय के पुत्र संतोष पांडेय ने गत 13 फरवरी को अपना जन्मदिन मनाया। हालांकि वह रहते गोरखपुर सिटी में हैं, मगर इस बार उनके जन्मदिन उत्सव की समस्त गतिविधियां उनके पृतक जिले महाराजगंज में सम्पन्न हुई है। जन्मदिन के बहाने उन्होंनेे सैकड़ों गाडिय़ों के काफिले और उनके छोटे भाई सुदीश पांडेय, बसपा के उदय प्रताप, राकेश तिवारी, बबलू पांडेय, योगेश तिवारी, चिंटू राय, सन्तोष सिंह, राजेश शुक्ल बसपा के सुग्रीव पहलवान, इंद्रेश्वर मिश्र, आदि हजारों युवाओं के साथ महराजगंज का दौरा कर इस सर्द मौसम में वहां का राजीनीतिक का तापमान यकायक बढ़ा दिया।
सर्वप्रथम जिले में प्रवेश के साथ ही ऐतिहासिक लेहड़ा देवी का दर्शन कर लोगों के सुखी जीवन की कामना की। गोरखपुर से चले उनके काफिला शहर से बाहर निकलते ही पीपीगंज टाउन में बसपा के युवा नेता उदय प्रताप के नेतृत्व में हजारों युवाओं ने उनका स्वागत किया। इसी तरह रास्ते में पड़ने वाले आनंदनगर, फरेंदा, कैम्पियरगंज, लक्ष्मीपुर, नौतनवां में हजारों युवाओं ने उनका स्वागत किया। उनकी अगुवानी में नीले झंडे लहराये व उनके लिए जिंदाबाद बोल कर उन्हें भविष्य का नेता बनने की प्रेरणा दिया। दौरे के दौरान अपने पैतृक गांव अड्डा बाजर पहुंच कर अपने जन्मदिन पर हजारों जरूरत मंदो को कम्बल व फल आदि वितरित किये और बुजुर्गों की संस्था आधारशिला जाकर उनके साथ जन्मदिन मनाया।
संतोष पांडेय की इस सक्रियता से अचानक महाराजगंज जनपद में एक नई चर्चा ने जन्म ले ली है। और कयासबाजियों का दौर शुरू हो गया है।

दरअसाल महाराजगंज जिले की चार अनारक्षित विधानसभा क्षेत्रों में से पनियरा उनके पिता गणेश शंकर पांडेय की पारिम्परिक सीट है। बाकी तीन सीटों में से एक उनके गृहक्षेत्र लक्ष्मीपुर विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र अमन मणि त्रिपाठी, फरेंदा से भाजपा के बजरंगी सिंह तथा कैम्पियरगंज से पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह विधायक हैं। यह तीनों ही पूर्वांचल की बडी हस्तियां हैं। ऐसे में संतोष पांडेय कौन सा क्षेत्र चुनेंगे, इसकी कयाबाजी चल रही है।

वैसे जानकारों का कहना है कि कैम्पियगंज क्षेत्र उनके लिए जातीय गणित के हिसाब से ठीक बैठता है। वह कहीं से भी लडें, मगर उनकी सक्रियता से कई बड़े राजनीतिज्ञों को चौंकने पर विवश कर दिया है।
हालांकि उन्होंने अपने इस कार्यक्रम में कहीं भी ऐसा कुछ नहीं कहा, जिससे उनके दौरे का राजनीतिक मंतव्य स्पष्ट हो सके परन्तु राजनीति के अदना से जानकार को कोई संदेह नहीं रह गया है कि संतोष पांडेय अपने पिता गणेश शंकर पांडेय की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए तैयार हो रहें हैं अथवा
किये जा रहे हैं। अपने दौरे के दौरान उन्होंने मंझे हुए राजीनीतिक की तरह मीडिया से कहा कि महराजगंज उनका घर है और घर के बारे में सोचने या घर जाने का कोई राजनीतिक मतलब नहीं होता। उन्होंने कहा कि उनका परिवार पिछले 35 सालों से गोरखपुर और महराजगंज जिलों के लोगो की सेवा निस्वार्थ भाव से किया है जो आगे भी जारी रहेगा।

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