सिद्धार्थनगरः सपा कार्य समिति की बैठक में जिलाध्यक्ष पर महामंत्री ने क्यों उठाई अंगुली

October 7, 2023 12:24 PM0 commentsViews: 944
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अध्यक्ष व महामंत्री के विवाद के पीछे क्या टिकट की महत्वाकांक्षा है, लालजी के विरुद्ध क्या अन्य टिकटार्थी का संयुक्त मोर्चा बना है?

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। गत दिवस सपा के जिला मुख्यालय पर सपा के दो दिग्गजों के बीच हुई झड़प को पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी और लोकसभा चुनाव की रणनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है। जिला कार्यसमिति की बैठक में पूर्व विधायक व सपा जिलाध्यक्ष लालजी यादव और जिला महासचिव कमरूज्जमा आमने-सामने आ गए। महासचिव कमरूज्जमा ने संबोधन के दौरान जब बैठक एवं कार्यक्रम की सूचना नहीं मिलने की बात उठाई तो जिलाध्यक्ष लालजी यादव ने उन्हें टोकते हुए बैठने के लिए कहते हुए कुर्सी से उठ गए। कहासुनी के बीच वहां मौजूद प्रदेश सचिव अजय चौधरी समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव करते हुए मामले को शांत कराया। कार्यालय के अंदर हंगामा के दौरान माहौल इतना गर्म हुआ कि चर्चा जनता के बीच गूंजने लगी।

क्या है बैठक की कहानी

सपा कार्यालय में सात अक्तूबर को जिले में आने वाली साइकिल यात्रा की सफलता के लिए बृहस्पतिवार को जिला कार्यसमिति की बैठक हो रही थी। इस बीच सपा नेता तैयारियों पर मंथन कर रहे थे। तभी पार्टी के जिला महासचिव कमरूज्जमा ने अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष लालजी यादव पर पिछले कई दिनों से उनका फोन नहीं उठाने का आरोप लगाया। जिस पर भड़के जिलाध्यक्ष लालजी यादव ने उन्हें कड़े तेवर में बैठने के लिए कहा। इसका प्रतिरोध करने पर जिलाध्यक्ष लालजी यादव खड़े हो गए। दोनों तरफ से तेज आवाज में बहस होने पर माहौल गर्म हो गया।  लेकिन ऊपर चित्र में नेताओं के चेहरे पर छाया आवेश और उठी अंगुली पूरी कहानी बयान खुद कर रही हैं।

क्या दो गुटों के बीच का है विवाद

दोनों पदाधिकारियों के बीच में बैठे प्रदेश सचिव अजय चौधरी समेत अन्य लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। इसके बाद शाम तक बैठक में जिलाध्यक्ष और महासचिव के बीच गर्मागर्म बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। इस बारें में तटस्थ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इसके पीछे सपा की गुटीय राजनीति है। दरअसल पहले सपा में दो तगड़े खेमे हुआ करते थे। एक का नेतृत्व तत्कालीन नेता व पूर्व सांसद स्व. बुजभूषण तिवारी और और दूसरे खेमे की अगुवाई पूर्व विधनसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय किया करते थे।  स्व. तिवारी के निधन के बाद बाद उस गुट का नेतृत्व अब लालजी यादव कर रहे हैं। दूसरी तरफ कमरुज्जमा हैं जो वर्तमान में माता प्रसाद पांडेय के हनुमान माने जाते हैं। पहले यह स्थान जिलाध्यक्ष के रूप में अजय चौधरी संभालते थे मगर अब उनके स्थान पर इस काम को कमरुज्जमा अंजाम दे रहे हैं।

क्या अंदर से मामला लोकसभा टिकट का है

यहां यह भी बताना जुरूरी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए पूर्व विधायक और जिलाध्यक्ष गंभीर दावेदार है। यह देखते हुए टिकट के अन्य दावेदार एकजुट हो गये हैं। यह विवाद इसी की पहली कड़ी माना जा रहा है। कई लोगों का मानना है कि वर्तमान विवाद इसी के रणनीति का हिस्सा है। उनका कहना है कि गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस को मिल सकती है। लेकिन सपाई अभी से लड़ कर अपनी ऊर्जा समाप्त कर रहे हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी के टिकट पर अब तक केवल एक बार ही यहां से जीत हासिल हो सकी है। इसलिए इस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी ज्यादा मजबूत मानी जा रही है।

दोनों पदाधिकारियों ने विवाद नहीं होने की बात कही

जिला महासचिव कमरूज्जमा का कहना था कि बैठक में साइकिल यात्रा कार्यक्रम की सफलता के लिए आपसी समन्वय के संबंध में बात उठी थी। इसको हमने पार्टी के उचित फोरम में उठाया था, कोई विवाद नहीं हुआ है। वहीं, जिलाध्यक्ष लालजी यादव भी किसी तरह का विवाद होने से नकारते हुए कहा कि बैठक में लोग अपनी बात कहते हैं और हम अपनी बात कहते हैं। फोन नहीं उठाने की बात थी, जिसका कारण नेटवर्क और मोबाइल खराब होने की समस्या रही। बैठक में हंगामा नहीं हुआ।

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