पुराने सपा अध्यक्ष झिनकू चौधरी रेस से बाहर, लालजी यादव हो सकते हैं नये जिलाध्यक्ष?

January 10, 2020 2:25 PM0 commentsViews: 1430
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— विकल्प के रूप में बेचई यादव पर भी पार्टी टिकाए हुए है नजर, जल्द हो सकता है एलान

— पुराने अध्यक्ष पर है एक नेता का “पाकेट मैन” होने और उनके जमीन से कटे होने का आरोप

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर।समाजवादी पार्टी ने अपनी  जिला इकाइयों के गइन की प्रकिया प्रारम्भ कर दी है। इस क्रम में दो एक जिलों के जिलाध्यक्षों की घोषणा भी हो गई है। सूत्रों का कहना है जल्द ही प्रदेश भर के जिलाध्यक्षों की घोषणा हो जायेगी। इसी क्रम में खबर मिली है कि सिद्र्थनगर जिले को इस बार नया जिलाध्यक्ष मिलने वाला है। पुराने जिलाध्यक्ष अजय चौधरी उर्फ चौधरी       को अब और मौका न देने का पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मन बना लिया है।

खबर सनसनी खेज जरूर है मगर पूरी तरह पक्की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश शदव ने अध्यक्षों के चयन के तहत पूर्व अध्श्क्षों की जनम् कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।  इस क्रम में सिद्धार्थनगर जिला सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे अजय उर्फ झिनकू चौधरी चौधरी के निंरतर 12 सालों के खाते में पार्टी को मजबूत कराने की एक भी उपलब्धि नहीं है।वह   जिले में वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय के करीबी के रूप में चचिर्चत हैं।

पार्टी के एक नेता का कहना है कि झिनकू चौधरी के कार्यकाल का एक कारनामा तो अखिलेश यादव को पता ही नहीं है। उनके गांव में एक बार एक मदरसे के निर्माण को मस्जिद बता कर दंगा हुआ था, लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष झिनकू चौधरी वहां के गरीब मुसलमानों की मदद के प्रति उदासीन रहे। इसकी रिपोर्ट भी अखिलेश को दी जाएगी। बहरहाल यदि इसकी रिपोर्ट अखिलेश यादव को न भी मिले तो भी फर्क नहीं पड़ने वाला। क्योंकि उनके द्धारा झिनकू चौधरी को हटाने का मन बनाया जा चुका है।

पार्टी के एक करीबी नेता का कहना है कि अखिलेश यादव को पता चल चुका है कि पूर्व अध्यक्ष झिनकू चौधरी की एक ही खासियत है कि वह माता प्रसाद पांडेय के एसमैन हैं। इसके अलावा उनमें कोई गुण नहीं। यही कारण है किे इस बार अध्यक्ष चयन के मामले में माता प्रसाद पांडेय से कोई राय नहीं ली जा रही है। वे इस मामले में एक अन्य नेता को तरजीह दे रहे हैं।

उसी सूत्र का कहना है कि पार्टी दो नामों पर पूर्व विधायक लालजी यादव व पुराने नेता बेचई यादव पर विचार कर रही है। लेकिन बेचई यादव का पूर्व में पार्टी छोड़ना उनका माइनस प्वाइंट है।ऐसे में लालजी यादव के अध्यक्ष बनने की उम्मीदें परवान चढ़ी हुई हैं। लखनऊ के जानकारों का कहना है कि अन्त में लालजी यादव पर के नाम पर मुहर लग सकती हैं।

 

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