लाखो खर्चने के बाद भी सार्वजनिक शौचालय बने हाथी के दांत, कहीं ताला कहीं प्रधान के निजी प्रयोग में
महेंद्र कुमार गौतम
बाँसी,बसिद्धार्थनगर। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित करते हुए अधिकतर लोगों को शौचालय निर्माण हेतु 12 हजार का अनुदान दे चुकी है। जिसमे से तो कई शौचालय निर्माण होते ही बिना प्रयोग करने के कारण ढह चुके हैं, शेष बचेखुचे गोबर, लकड़ी जैसे अन्य चीजें रखने के काम आ रहे है।
बतादें कि सरकार सार्वजनिक शौचालय के निर्माण लिए पंचायतों को लाखों रुपये आवंटित किया गया और ज़्यादातर शौचालय निर्मित होकर यूज न होने के कारण ढह गए और ज़्यादातर सार्वजनिक शौचालय पर ताला लटका है। जबकि शाशन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु सार्वजनिक व सुलभ जमीन पर वाटर सप्लाई हेतु पंप, अच्छी किस्म के मैटेरियल के लिए धन अवमुक्त किया गया था।
लेकिन तत्कालीन कुछ ग्राम प्रधानों द्वारा अपने आवास के पास ही शौचालय का निर्माण कर निजी उद्देश्य को पूरा कर रहे हैं तो कहीं कही अभी भी शौचालयों का कार्य अपूर्ण पड़ा है। ऐसी स्थिति में न किसी अधिकारी की नजर पड़ रही और न कोई जांच, कुल मिलाकर स्वच्छ भारत के नाम पर सरकारी धन का जमकर पलीता लगाया गया है और बांसी तहसील क्षेत्र के लगभग हर गांव की यही स्थितयां है।