सरयू नहर किसानों के लिए अभिशाप बनी, आंदोलन की तैयारी में लगे क्षेत्र के ग्रामीण
औजैर खान
सिद्धार्थनगर।सरयू नहर परियोजना के तहत बनाई गई नहर के बीच रोइनिहवा में पुल न बनने से यह परियोजना शोहरतगढ़ तहसील के किसानों के लिए अभिशाप बन गई है। हालत यह है कि पुल के अभाव में दोनों तरफ से आगमन बंद है। उनकी खेतीबारी भी चौपट हो रही है। किसानों ने उस नहर पर पुल बनाने की मांग की है।
शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत भावपुर उर्फ गुलरी से एक चकरोड राइनिहवां तक जाती थी। परन्तु नहर बनने के दौरान उक्त चकरोड भी उसी में चली गई। विगत कई वर्षों से क्षेत्रीय किसान इसकी शिकायत नहर विभाग के आला अफसरों, जन प्रतिनिधियों से करते रहे मगर कोई सुनवाई नही हुई। विधायक एवं सांसद द्वारा भी पत्र लिख कर विभाग को अवगत कराया गया लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका।
ग्राम पंचायत भावपुर उर्फ गुलरी, सेमरहवा, नवदिह्वा, एवं टीसम के किसानों की लगभग हजारों बीघा कृषि योग्य भूमि नहर के उस पार होने से काफी समस्या है मगर नहर पर पुल न होने से ग्राम वासियों, किसानों को रोइनिह्वा स्थित अपने खेतों पर जाने के लिए काफी लंबा घूम कर महादेव बुजुर्ग या टीसम सरहद के पास स्थित पुल से जाना पड़ता है। गरीब किसान जो बारिश के दिनों में साइकिल या पैदल अपने सर पर रख कर खाद बीज लेकर उस पार जाते थे वो अपने खेतों को या तो उसी पार के किसानों को हुंडा या बटाई पर देने को विवश हैं या वो अपने खेतों को वैसे परती छोड़ देते हैं।,
किसानों का कहना है कि हम छोटे कस्तकारों के लिए उधर से घूम कर जाने में काफी लागत व समय लग जाता हैं या फिर नहर में तैर का नहर पार करना पड़ता हैं। नहर पार करते समय कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। मवेशियों को उस पार चराने घुमाने ले जाने पर नहर में तैर कर जाने को मजबूर हैं। ग्राम वासी व किसान राम बेलास, शराफत हुसैन, अब्दुल कयूम, परमात्मा प्रसाद, हंसराज, रामदीन, कुतबुद्दीन, सऊद खां, मोहम्मद इस्लाम, अब्दुल कादिर , आशाराम, राजेंद्र यादव, जोखू प्रसाद, तुलसीराम, मुकुटनाथ, प्रधान प्रतिनिधि महेश यादव, आशरीफी यादव, इसरार अहमद, पूर्व प्रधान कमरे आलम, महबूब आलम, हाजी अहमदुल्लाह, शगीर अहमद, सुहैल अहमद, जयकरन प्रसाद , कल्लू , मजीद अहमद, अब्दुल मुहीद, नसीर अहमद, परशुराम यादव, मोतीराम, मानुल्लाह, हकीकुल्लाह किसान नेता गयासुद्दीन आदि सैकड़ों किसानों ने उक्त चकमार्ग जो वर्षों से लोगों के आने जाने का मुख्य मार्ग था उस पर अति शीघ्र पुल निर्माण करने की मांग की है, किसानों का कहना है कि अगर पुल का निर्माण नहीं किया गया तो किसान उक्त नहर पर अनिश्चित काल के लिए भूख हड़ताल एवं धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।