पिपरहवा तालाब की एसडीएम ने कराई पैमाईश, अवैध कब्जाधारियों से जमीन को पत्थर लगवाकर किया सुरक्षित
मेराज़ मुस्तफा
इटवा, सिद्धार्थनगर। पिछले तीन दिनों से डुमरियागंज इटवा मार्ग पर स्थित पिपरहवा के तालाब का पैमाईश कार्य बुधवार को पूर्ण होने के बाद तालाब के अंतर्गत आने वाले 2.86 हेक्टेयर जमीन को अवैध कब्जे से सुरक्षित रखने हेतु चारों तरफ से पिलर लगवा दिया गया है जिसका कुल क्षेत्रफल 2.86 हेक्टेयर है।
स्टेट हाईवे से होकर गुजरने के कारण उक्त तालाब की जमीन अत्यधिक कीमती बताई जा रही थी जिस पर अवैध रूप से कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी कृणाल सिल्कू ने उप जिलाधिकारी इटवा त्रिभुवन कुमार के साथ उप जिलाधिकारी डुमरियागंज को भूमि पैमाईश के लिए नामित कर अवैध कब्जाधारियों से मुक्त करवाने का आदेश जारी किया था।
उक्त आदेश के क्रम में उप जिलाधिकारी इटवा त्रिभुवन कुमार ने इटवा तहसील प्रशासन को साथ लेकर उप जिलाधिकारी डुमरियागंज व तहसील प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से पैमाईश कार्य को सोमवार से प्रारंभ करवाया था।
तालाब व तालाब के अगल – बगल स्थित जमीन का कुल क्षेत्रफल अधिक होने के कारण पैमाईश कार्य बुधवार को जाकर समाप्त हुआ। पैमाईश के पश्चात उक्त तालाब के साथ अगल – बगल स्थित जमीन पर चारो तरफ से पिलर द्वारा घेराबंदी करवा के भविष्य में दोबारा कब्जा करने से सुरक्षित करवा दिया गया।
पिपरहवा स्थित यह एक ऐतिहासिक तालाब है जिस पर अवैध कब्जा किए जाने के कारण उक्त भूमि की पैमाईश करवाई गई जिसमें पैमाईश के दौरान अवैध कब्जेधारियों ने स्वयं ही जमीन से अपना कब्जा हटा लिया।
तालाब के कब्जा मुक्त होने के बाद पिलर द्वारा घेराबंदी कर जमीन को सुरक्षित किया गया। तहसीलदार डुमरियागंज के अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत डुमरियागंज को निर्देशित किया गया कि यदि कोई व्यक्ति तालाब की जमीन पर पुनः कब्जा करने का प्रयास करता है तो सम्बंधित व्यक्ति को एंटी भू,- माफिया में दर्ज कर गुंडा एक्ट व गैंगस्टर की कार्यवाई की जाए।
पैमाईश प्रक्रिया में इटवा तहसील प्रशासन ने डुमरियागंज तहसील प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से कार्य कर इस ऐतिहासिक तालाब को सुरक्षित किया। जिसमें उपजिलाधिकारी इटवा त्रिभुवन कुमार, उपजिलाधिकारी डुमरियागंज के साथ कानूनगो व लेखपाल इटवा के अतिरिक्त कानूनगो व लेखपाल डुमरियागंज तहसील एवं नगर पंचायत डुमरियागंज के अधिशासी अधिकारी की टीम भी मौजूद रही।