बर्बरता और असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा पार कर गई खेसरहा पुलिस: डा. चंद्रेश
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। जिस तरह पुलिस के दो जिम्मेदार लोगों ने सरेराह निर्मम तरीक़े से सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में एक युवक को पीटा है। इससे दो प्रश्न खड़े हुए हैं, क्या पुलिस पूरी तरह निरंकुश हो चुकी है कि वह एक तरफ तो संगठित अपराध को संरक्षण दे रही है और दूसरी तरफ सामान्य गलती करने वाले को अपना पक्ष रखने तक का मौका न देते हुए उसके साथ खुले आम जानवरों से भी बुरा व्यवहार कर रही है।
उक्त बातें पूर्व लोकसभा प्रत्याशी डा. चंद्रेश उपाध्याय ने खेसरहा पुलिस द्वारा क्रूरतापूर्वक एक युवक को सरेआम बीच सड़क पर निर्दयतापूर्वक पीटने और प्रताड़ित करने के बारे में कहीं। कल वह पीड़ित से मिलने उसके गांव पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बीते दिनों यह जो घटना हुई है।उसने पुलिस की कार्यप्रणाली को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने उच्च पदस्थ लोगों से प्रश्न करते हुए यह भी कहा कि ऐसे कौन से कारण है, ऐसा क्या दबाव है पुलिस विभाग के कर्मचारियों पर कि पुलिस इतनी असंवेदनशील होती चली जा रही। एक जिम्मेदार विभाग जिनके ऊपर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी है वो खुद ही उस पर कहर ढा रही है।
पीड़ित के परिवार से मिलने के बाद उन्होंने हर प्रकार की मदद का आश्वाशन दिया और कहा कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए वह मंच पर पीड़ित की आवाज़ उठाएंगे।