सपाः कपिलवस्तु सीट से टिकट के लिए एक और चेहरे ने दावेदारी ठोंकी, आपस में उठापटक शुरू
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले के कपिलवस्तु विधानसभा सीट से सपा के टिकट का एक और दावेदार चेहरे के सामने आ जाने के कारण इस इलाके में सियासी गतिविधियां कुछ और तेज हो गईं हैं और उठापटक का नया दौर शुरू हो गया है। तटस्थ सपाई तथा बड़ी बारीकी से यूपी विधानसभा चुनाव के समीकरण बाज तमाम राजनीतिक गतिविधियों का ध्यान रख रहे हैं।
बताया जाता है कि कपिलवस्तु सीट पर टिकट का दावा करने वाले एक और नेता को क्षेत्र में सक्रिय देखा जा रहा है। प्रदीप पासवान नामक यह युवा नेता बांसी क्षेत्र का रहने वाला हैं। इनसे पूर्व तीन और दावेदार यहां पहले से ही सक्रिय थे। जिनमें पूर्व विधायक पासवान तो इसी क्षेत्र के विधायक थे और कर्मभूमि के साथ यही उनकी जन्मभूमि भी है। लेकिन जिले में विजय पासवान की रणनीति से कुछ दुखी कुछ बड़े नताओं ने यहां सपा नेता और बढ़नी ब्लाक की पूर्व प्रमुख के पुत्र प्रदीप पथरकट को दावेदार बना कर खड़ा कर दिया। वह तब से इस क्षेत्र में निरंतर सक्रिय हैं।
अभी प्रदीप पथरकट का दावा प्रचारित हो ही रहा था और वह पार्टी की बैठकों में शामिल होने के अलावा विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख नागरिकों से सम्बंध बढाने लगे थे कि उसी समय कन्हैया कन्नौजिया भी पटल पर आ गये। वे लखनऊ के एक नेता से अशीर्वाद लेकर आये थे और तब से लेकर आज तक क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिया है और हर कार्यक्रम में बराबर शरीक होते हैं। इसके बाद एक अन्य दावेदार के रूप में हाल में प्रदीप पासवान का अवतरण हुआ।
प्रदीप पासवान के आने के बाद अनुसूचित जााति के लिए रिजर्व इस सीट से कुल चार दावेदार हो गये है। इन दावेदारों के सामने आने व क्षेत्र में सक्रिय होने के बाद कपिलवस्तु सीट से विधायक रहे व सीट के पारम्परिक दावेदार विजय पासवान का चौंकना व चिंतित होना स्वाभविक था। इसके बाद सपा के जिलाध्यक्ष लालजी यादव ने एक विज्ञप्ति जारी कर दिया जिसका भावार्थ यह था कि प्रदीप पासवान ने जिले से सदस्यता नहीं ली है। इसलिए उन्हें अभी होर्डिंग बैनर आदि पर भावी प्रत्याशी लिखने का कोई अधिकार नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि यह बयान विजय पासवान के कहने पर दिया गया। लालजी यादव के इस बयान के बाद पार्टी में नई बहस छिड़ गई और विजय पासवान के विरोधी कहने लगे कि जिसने पार्टी की सदस्यता ली है और सपा से कैंडीडेट बनने का फार्म भरा है उसे भावी उम्मीदवार लिखने से किस अधिकार से रोका जा सकता है। जब तक किसी का टिकट फाइनल नहीं हो जाता सभी दोवेदार खुद को भावी उमीदवार ही मानते हैं। यह परम्परा है नियम नहीं।
प्रदीप पासवान ने कहा
इस बारे में सपा नेता प्रदीप पासवान ने कहा कि उन्होंने लखनऊ से पार्टी की सदस्यता ली है। इसके अलावा सपा में उम्मीदवारी के लिए शुल्क देकर फार्म भरा है। इसलिए वह कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र से पार्टी क दावेदार है। अगर पार्टी उन पर भरोसा करती है तो वह चुनाव लड़ेंगे।