शबे कद्र की रात कबिस्तान पहुंच कर अकीदतमंदों ने गुनाहों से तौबा की
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। मुसलमानो की मुबारक माह रमजान में 27 वे रोज़े का बड़ा ही महत्व है। अस रात को शबे कद्र कहा जाता है। इसी जज्बे के तहत शनिवार यानी शबे कद्र की रात क़स्बा शोहरतगढ़ के तमाम मुसलमानों ने जामा मस्जिद शोहरतगढ़ से रात लगभग साढ़े बारह बजे जुलूस निकालकर रेलवे लाइन के पार स्थित कब्रिस्तान पर गुनाहों की तौबा की।
जुलूस का नेतृत्व जामा मस्जिद के मैनेजर / नाज़िम अल्ताफ हुसैन व सदर वकील खान की अगुवाई में मस्जिद चौराहे से क्रमबद्ध होकर नारे लगाते हुए भारत माता चौक , पुलिस पिकेट से मुख्य मार्ग से होता हुआ कब्रिस्तान पहुँचा। जुलूस के दौरान हाफिज सेराज अहमद लोगों को दुआ पढ़ाते रहे। हाफिज सेराज ने लोगों को इस अज़ीम रात की खासियत को लोगों को बयान किया।
जुलूस के दौरान सभासद अफसर अंसारी , हाफिज एजाज अंसारी , रफीक खान , अकबर, सुलतान, लोटे नेता, अख्तर रायनी, शहंशाह, क़ुर्बान क़ुरैशी, कफील खान आदि के साथ हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था के दौरान सीओ दिलीप कुमार सिंह व तीन थानों के प्रभारी सहित भारी पुलिस बल मौजूद रह।