शोहरतगढ़ में कुर्मी मतों को लेकर होगा घमासान, विभिन्न दलों से लड़ सकते है चार कुर्मी महारथी

January 20, 2022 2:25 PM0 commentsViews: 1781
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पूर्व विधायक पप्पू चौधरी, विधायक अमर सिंह चौधरी, हेमंत चौधरी व सिद्धार्थ चौधरी के बीच दिख रही चुनावी भिड़त की संभावना

मुस्लिम व दलित वर्ग के बाद शोहरतगढ़ विधानसभा सीट पर कुर्मी जाति के वोटर लगभग 14 प्रतिशत, यानी  तीसरा सबसे बड़ा वोट बैंक

नजीर मलिक

पूर्व विधायक पप्पू चौधरी श्रीमती प्रियंका गांधी के साथ

सिद्धार्थनगर। जिले की कुर्मी बाहुल विधानसभा सीट पर जीत हार के अलावा कुर्मी जाति के वोटों पर अधिकार के लिए भी जंग हो सकती है। आज के हालात को देख कर कहा जा सकता है कि जिले में सर्वोच्च कुर्मी नेता की हैसियत पाने के लिए सर्वप्रथम शोहरतगढ़ में कुर्मी मतों का दिल जीतना होगा। इसके लिए चार अलग-अलग दिशाओं से चल रहे प्रयास को देख कर  कहा जा रहा है कि इस बार के चुनावी महाभारत में कुर्मी नेताओं के तरकश के तीर चलते देखना काफी रोचक व मनोरंजक होगा।

विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ में वर्तमान में जिले में सबसे अधिक कुर्मी जाति के लोग निवास करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक यहां 24 प्रतिशत अल्पसंख्यकों, 17 दलितों के बाद सबसे अधिक तादाद कुर्मी जाति के मतदाताओं की बताई जाती है, जो कुल मतदाताओं का लगभग 14 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस बड़े वोट बैंक पर कब्जा करने के लिए कई राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है और वे अपना उम्मीदार इसी वर्ग से देने की रणनीति बना रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक शोहरतगढ़ से इस समय कांग्रेस से पप्पू वौधरी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। पप्पू चौधरी तीन बार भाजपा से और अंतिम में कांग्रेस से एक बार विधायक चुने जा चुके हैं। एक जमींदार परिवार का होने के कारण क्षेत्र में उनका काफी प्रभाव भी है। उनके मुकाबले में भाजपा से उनके ही पुत्र सिद्धार्थ चौधरी की दावेदारी भी काफी तगड़ी माना जा रही है। उनके मामा पंकज चौधरी इस समय केन्द्र सरकार में मंत्री हैं। इसलिए उनके समर्थक कह रहे है कि उनका भी टिकट भाजपा से लगभग पक्का ही है।

लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती। गत चुनावों में भाजपा गठबंधन के अपना दल (एस) कोटे से शोहरतगढ़ सीट से जीत कर आये हुए विधायक अमर सिंह चौधरी अब सपा में जा चुके हैं। वे भी सपा से टिकट के दावेदर हैं। परन्तु सूत्र बताते हैं कि यदि वे सपा से टिकट न भी पा सके तो भी चुनाव लड़ेगे। सन 2017 में समझौते के तहत यह सीट भाजपा ने अपना दल के लिए छोड़ी थी और अपना दल के अमर सिंह जीतने में कामयाब भी रहे थे। इसलिए इस सीट पर वर्तमान में भी अपना दल का अधिकार बनता है। इसलिए माना जा रहा है कि अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल यहां से अपने युवा विंग के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत चौधरी को टिकट देंगी। यदि ऐसा हुआ तो इस विधानसभा सीट से कुर्मी जाति के चार उम्मीदवारों का लड़ना सुनश्चित हो जाएगा। ऐसे में आगामी चुनाव की रोचकता और चुनावी परिदृश्य का अनुमान लगाया जा सकता है।

आंकड़े गवाह हैं कि मंडल राजनीति के उदय के बाद यहां से हुए चुनावों में अधिकांश बार कुर्मी समाज का ही विधायक जीत हासिल कर सका है। केवल स्व. दिनेश एक मात्र राजनेता रहे हैं जिन्होंने सवर्ण होकर प्छिड़ों के इस किले को भेदने में कामयाबी हासिल की थी। उनकी पत्नी लालमुन्नी सिंह ने भी वही कारनामा कर दिखाया था। वर्तमान में उनके पुत्र उग्रसेन सिंह इस सीट के लिए सपा से टिकट के प्रबल दावेदार हैं।

 

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