शोहरतगढ़ से कांग्रेस पार्टी लगा सकती है डा. सरफराज पर दांव
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ में इस बार कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट के दावेदारों की भरमार है। परन्तु मुख्य रूप से तीन चेहरे ही मैदान में सकिय रूप से दिखाई पड़ रहे हैं। यह तानों चेहे हैं शोहरतगढ़ के प्रमुख सजन डा. सरफराज अंसारी तथा एक अन्य चिकित्सक व युवा जिला कांग्रेस अध्यक्ष डा. अरविंद शुक्ल और महिला कांग्रेस की नेता रंजना मिश्र। यों तो राजनीतिक सक्रियता एवं सांगठनिक पद की दृष्टि से डा. अरविंद शुक्ला टिकट की रेस में काफी आगे जाते प्रतीत होते हैं, लेकिन राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस बार पार्टी में सक्रियता अौर सांगठनिक सामता ही टिकट का एक मात्र पैमाना नहीं है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार संक्रमण काल से गुजर रही कांग्रेस इस बार नाम के लिए अधिकाधिक लड़ाने के लिए बल्कि आगे के चुनावों के लिए सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से अपना खोया वोट बैंक पुनः साापित करने के लिए लड़ रह है।इस बार कांगेस की जनर यूपी क ब्राह्मण आर मुस्लिम मतों को पुनः अपना आर वोट बनाने के लिए दांव चल रही है। ऊपर से पार्टी ने 40 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करके सोशल इंजीनियरिंग की सबसे मजबूत बिसात बनायी है।
ऐसे में क्षेत्र के बुद्धिजीवी नंद कुमार पांउेय कहते हैं कि शोहतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों की जनसंख्या 27 प्रतिशत तथा ब्राहमणों की 13 प्रतिशत है। ऐसे में प्रथम दृष्टतयः मुस्लिम दावेदार का पक्ष मजबूत दिखता है। जिसमें फिलहाल डा. सरफाज अंसारी फिट बैठते हैं। वह पिछले पांच साल से क्षेत्र में अपने सामाजिक कार्यों को लेकर सक्रिय भी हैं। नंदकुमार पांडेय का मानना है कि कांग्रेस पार्टी ने वहां से मुस्लिम के बजाये ब्राह्मण उम्मीदवार देने का मन बनाया तो कांग्रेस नेता रंजना मिश्रा का नाम स्वतः ही दौड़ में आ जायेगा, क्योंकि वह संघर्षशील ब्रहमण नेता तो हैं ही ऊपर से महिला भी हैं। ऐसे में उन्हें टिकट देकर कांग्रेस ब्राह्मण और महिला दोनों कोटे की भरपाई कर सकती है।
हालांकि डा. सरफराज अंसारी का कहना है कि कि वे पिछले पांच साल से क्षेत्र में सामाजिक कार्यों के माध्यम से बखूबी सक्रिय हैं। पार्टी इसे जानती भी है। इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि उन्हें टिकट जरूर मिलेगा। अब देखना है कि पार्टी अन्ततः क्या फैसला करती है।