सूख चुके ताल तलैया, मौत के कगार पर पहुंच चुके पशु पक्षी, इंसान भी हुए बेहाल
हमीद खान
इटवा, सिद्धार्थनगर। भूजल स्तर गिरने की वजह से तहसील के अधिकतर तालाब सूख गए हैं। पानी न होने से पशु पक्ष़्ाी प्यास से व्याकुल हैं। मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए दर-दर भटकना पड रहा है। फिर भी जिम्मेदार अफसरानों की नीद नहीं टूट रही है। पानी की कमी से आगजनी जैसी घटनाओं से निपटना भी मुश्किल हो रहा है।
पर्याप्त बारिश ना होने व भूजल का दोहन होने कि वजह से तहसील क्षेत्र का पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है। इस वजह से तहसील क्षेत्र के तीनों ब्लाकों के गांवों में पानी कीद जबरदस्त दिक्कत हो गई है। आग उगलती भीषण गर्मी में व्याकुल पशु पक्षी प्यास को बुझाने के लिए तालाब के पास तक जाते हैं, लेकिन पानी न मिलने से उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है।
कई जानवर तो पानी कि वजह से अखिर मौत के आगोश में ही चले जाते हैं। तहसील क्षेत्र के लोगों ने कुछ दिन पहले जिम्मेदार अफसरों से तालाबों में पानी भरे जाने की फरियाद की थी, लेकिन रात गई और बात गई के तर्ज पर इस पर किसी ने ध्यान नही दिया।
तालाबों में पानी न होने कि वजह से जहां मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए काफी परेशानी झेलनी पड रही है, वहीं आग लगने पर दमकल वालों को भी सोचना पड रहा है कि पानी कहां से भरा जाए?
क्षेत्र के अब्दुल कलीम, नन्दलाल, जोखू प्रसाद यादव, शोऐब अहमद, मोजीबुल्लाह सहित काफी लोगों ने तालाबों में पानी भराए जाने की मांग आला अधिकारियों से की है।