छः साल की बच्ची के रोजा रखने को आस्था का करिश्मा मान रहे लोग
एस.पी. श्रीवास्तव
बृजमनगंज, महाराजगंज। इस्लाम मैं माहे रमजान अल्लाह का इबादत का माह है। माहे रमजान में बच्चे भी घर के बड़े बुजुर्गों के धर्म के प्रति आस्था देख उनका अनुसरण कर धर्म के प्रति अटूट आस्था का परिचय दे रहे हैं। ऐसे में इस भीषण गर्मी में 6 साल की बच्ची सबा खातून का रोजा रखना टाउन में चर्च का विषय बना हुआ है।
ऐसे में बृजमनगंज कस्बे के थाना गली के जनाब मोहम्मद आरिफ उर्फ राजू मकैनिक की 6 वर्षीय बेटी सबा खातून अपने जीवन का पहला रोजा रखा। रोजा रखने पर पांचों वक्त का नमाज भी अदा करते हुए कुरान की तिलावत भी की। बेटी सबा खातून के इतने कम उम्र में पहला रोजा रखने की वजह पर पिता आरिफ का कहना है की बेटी सबा खातून घर के सभी लोगों को रोजा रखते व इफ्तार करते देखती थी।
वह कई दिनों से अपने अम्मी से रोजा रखकर खुदा की इबादत करने की बात करती थी। बेटी सबा खातून ने 15 घंटे का रोजा रखा और शाम 6:40 बजे इफ्तार किया। बेटी के पहले रोजा रखने पर घर के सभी सदस्य चिंतित थे की 6 वर्षीय मासूम सबा खातून इस उमस भरी गर्मी में रोजा पूर्ण कर पाएगी लेकिन अल्लाह का करिश्मा रहा कि वह अपने जीवन का पहला रोजा पूरा किया इसको लेकर उसके घर के सभी सदस्यों ने बधाई देते हुए उपहार दी।