वकीलों के लगातार प्रस्ताव से कोर्ट का काम बाधित जून माह में कोई सुनवाई नहीं
— भ्रष्टाचार के चलते तहसीदार के साथ काम कर पाना संभव नहीं- बार अध्यक्ष
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। स्थानीय तहसील शोहरतगढ़ के अधिवक्ताओं द्वारा पूरे महीने तहसीलदार का न्यायिक कोर्ट बंद रहा पूरे जून माह में एक भी मामले की सुनवाई नहीं हो सकी । ऊपर से वकीलों ने तहसीलदार पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया गया। बताते चलें कि शोहरतगढ़ तहसील के तहसीलदार अरविंद कुमार और शोहरतगढ़ बार कौंसिल के बीच लगातार प्रस्ताव पर न्यायिक कार्य बंद होने से दूरी बनाने के कारण आपसी संबंध सौहार्द्रपूर्ण नहीं हैं।
क्या कहते है तहसीलदार
भ्रष्टाचार के मामले पर जब रिपोर्टर ने अरविंद कुमार से जानना चाहा तो उन्होंने शोहरतगढ़ बार काँसिल इकाई द्वारा जून माह में दिए गए प्रस्तावों को दिखाया और बताया कि कैसे अधिवक्ताओं द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस पर प्रस्ताव दिया गया दस्तावेज के मुताबिक पूरे महीने प्रस्ताव किया गया। तहसीलदार ने बताया कि प्रस्ताव के कारण किसी भी मामले में सुनवाई नहीं हो सकी है। इसके इतर महीने में कम से कम बीस दिन कोर्ट में सुनवाई एक हफ्ते में और पत्रवलियों का अवलोकन 15 दिन में पूरा करना होता है।
अरविंद कुमार ने बताया लगातर प्रस्ताव कर कोर्ट की सुनवाई में देरी से मामले तीन तीन चार चार सालों से लंबित पड़े हैं अधिवक्ताओं के सामने न्यायिक कोर्ट का कोई सम्मान नहीं है बार बार प्रस्ताव से मैं दुखी हूं मैं यहां लोगों को न्याय देने के लिए बैठा हूँ न्याय करना चाहता हूँ और न्याय करने नहीं दिया जाता है अधिवक्ताओं के पास समय नहीं है।
तहसील सूत्रों के अनुसार वकीलों के पास जमीन बैनामा करने से ही फुरसत नहीं ऐसे में न्यायिक कोर्ट का चल पाना मुश्किल है।
क्या कहता है अधिवक्ता समाज
इस बारे में अधिवक्ता समाज का कहना है कि तहसीलदार विधि विरूद्धा आचरएा कर रहे हैं, उनकर अरचरण भी मर्यादा के खिलाफ है। तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दयासागर पाठक का कहना है कि वह विवादित मामनों में धनउगाही कर रहें हैं। उनका कार्यालय भ्रष्टाचार के अड्डे में तब्दील हो गया है।ऐसी दशा में उनके साथकाम कर पाना संभव नही है।