तहसीलदार व पत्रकार के विवाद मेें अफसरशाही का कुरूप चेहरा सामने आया, आडियो वायरल
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। तहसीलदार नौगढ़ सत्येंद्र सिंह और गोरखपुर के पत्रकार शत्रुंजय सिंह के बीच हुए अमर्यदित विवाद के बाद अफसरशाही का वह कुरूप चेहरा सामने आया है जो कोई भी स्वाभिमानी और ईमानदार अफसर कभी भी पसंद नहीं कर सकता। दोनों के बीच एक न्यूज में वर्जन को लेकर असंसदीय शब्दों का आदान प्रदान जरूर हुआ मगर, तहसीलदार ने पत्रकार पर फिरौती व जान मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज करा कर अपने रुतबे को बेनकाब कर दिया है। उनकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामला यों है कि पत्रकार सत्येन्द्र सिंह गोरखपुर के राप्ती नगर के करीम नगर में एक प्लाट खरीद के बारे में जानना चाह रहे थे।जिससे असपास के नागरिकों का रास्ता अवरूद्ध होने की शिकायतें थीं। आरोप यह भी था कि यह प्लाट तहसीलदार सत्येन्द्र सिंह ने अपने साले के नाम खरीद रखी है। इस विवाद का फोन आडियो सुनने पर पता चलता है कि उसमें न तो जान से मारने की धमकी दी गई, न ही कोई रंगदारी मांगी गई। मगर तहसीलदार सत्येन्द्र सिंह ने अपनी ‘साहबी, दिखाते हुए तहरीर में उक्त आरोप दर्ज कर दिया। जबकि आडियो के मुताबिक सच यह है कि असंसदीय शब्दों का प्रयोग कमोबेश दोनों तरफ से हुआ।
विवाद क्यों बढ़ा, इस बारे में आडियो देखने के बाद जाना जा सकता है कि बातचीत की शुरूआत में तहसीलदार साहब का टोन ठीक नहीं था। इसके बाद पत्रकार शत्रुंजय का टोन उनसे भी तीखा हुआ। फिर असंसदीय शब्दों का प्रयोग हुआ। जबकि खबर का वर्जन दो लाइन में दे कर बात समाप्त की जा सकती थी। लेकिन बात बात में यह दुर्भग्यपूर्ण घटना घट गई। वैसे भी सदर तहसील में तहसीलदार सत्येन्द्र सिंह की अकड़बाजी के किस्से मशहूर हैं। रही पत्रकार शत्रुंजय सिंह की बात तो वे भी तुर्शी ब तुर्शी वाले लगे।
इस बारे में शत्रुंजय सिंह ने फोन पर बताया कि तहसीलदार तू तड़ाक पर आ गये थे, इसलिए बातबिगड़ी, वरना मै तो आप कह कर बात कर रहा था। अगर वे सम्मानित अफसर हैं तो मै भी सम्मानित पत्रकार हूं। मर्यादा पहले उन्होंने तोड़ी है। इसके अलावा उन्होंने झूठे आरोप लगाये हैं लिहाजा मै जल्द ही उन्हें कोर्ट में खड़ा करूंगा।