सबको शिक्षा उपलब्ध करा कर देश को मजबूत बनाया जा सकता है- डा. कदीर
— डा. एपीजे अब्दुल कलाम की याद में सेमिनार का आयोजन, विभिन्न प्रांतों से आया बुद्धिजीवी समाज
सगीर ए ख़ाकसार
लखनऊ । शिक्षा के महत्व को आत्मसात करके कलाम साहब ने देश को मजबूत बनाया, उनका जीवन देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने शिक्षा के महत्व को न सिर्फ खुद समझा बल्कि उसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। यह बातें तालीमी बेदारी संस्था के तत्वावधान में “समकालीन भारत में शिक्षा: समस्याएं और संभावनाएं” विषयक सेमिनार में शाहीन ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशन, बीदर (कर्नाटक) के चेयरमैन तथा मुख्य अतिथि डॉ॰ अब्दुल कदीर ने कहा।
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, गोमती नगर में में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. कदीर ने कहा कि डा. कलाम ने भारत को एक विकसित और शक्तिशाली देश बनाने का सपना देखा था। शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाकर ही देश को मजबूत बनाया जा सकता है। यही कलाम साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गेस्ट ऑफ ऑनर पूर्व सांसद बिहार साबिर अली ने कहा कि शिक्षा से सामाजिक-आर्थिक विकास संभव है। तालीमी बेदारी का काम काबिले तारीफ है। इंजीनियर अख्तर हुसैन ने कहा कि शिक्षा से ही देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यह समय ज्ञान और तकनीक का है। जिस देश के पास जितना ज्ञान होगा, वह देश उतना ही तरक्की करेगा। डॉ॰ बंसत कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए अति आवश्यक है। कलाम साहब शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आधुनिक शिक्षा पर बल देते थे। वो सीखने पर जोर देते थे उनका मानना था कि इंसान के सीखने की कोई उम्र नहीं होती।
विशिष्ट अतिथि आदिल खान ने तालीमी बेदारी की पूरी टीम को मुबारकबाद देते हुए कहा कि तालीमी बेदारी का यह कारवां शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाएगा। कलाम साहब ने जो सपना देखा था उसे तालीमी बेदारी साकार करने में कामयाब हो, मेरी खुदा से यही दुआ है। जबकि मुम्बई के एक्टिवस्ट अफरोज मलिक ने शिक्षा को विकास का रथ बताते हुए क कि तालीमी बेदारी इस दिशा में बेहतर काम कर रही है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में रिजवान अहमद पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश ने कहा कि कलाम साहब ने विकसित भारत का सपना देखा था। उस विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए समाज के शिक्षित, जागरूक और सक्षम लोगों को आगे आना होगा। सेमिनार में एक तकनीकी परिचर्चा का भी सेशन रखा गया। इस परिचर्चा में अम्बरिश राय और खालिद चैधरी के अलावा इस्हाक अंसारी (बिहार), डॉ॰ विवेकानंद नायक (उड़ीसा), अजमा अजीज, सरफराज़ अहमद और मुहम्मद अतहर (दिल्ली) ने “ड्रापआउट की समस्या और समाधान” पर अपने विचार रखे। उशिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सिद्धार्थनगर के शिक्षा जगत के महान पुरोधा डॉ अब्दुल बारी खान को सम्मानित किया गया। डॉ बारी का सम्मान उनके पुत्र इंजीनियर इरशाद अहमद खान अलीग ने ग्रहण किया। सेमिनार का संचालन सगीर ए खाकसार ने किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष डा॰ वसीम अख्तर, निहाल अहमद, डॉ॰ आरिज़ कादरी, मारूफ हुसैन, हेसामुद्दीन अंसारी, रिजवान अंसारी, अशरफ अली, इस्लाहुद्दीन, शहजाद अली, गुलशाद चैधरी, नौशाद सिद्दीकी, इंजीनियर इरशाद अहमद अलीग आदि ने मुख्यातिथि और विशिष्ट अतिथियों का बुके और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित कियात्र-छात्राओें को भी सम्मानित किया गयासेमिनार में जमाल अहमद खान, अब्दुल मोईद खान, मारूफ हुसैन, हसनैन कमाल, शोएब अख्तर, अंसार अहमद खान, हेसामुद्दीन अंसारी, इरशाद अहमद खान, हाजी सुलेमान शम्सी, आमिर रजा, शाहिद अतहर, अफजाल अहमद, अरहम सिद्दीकी, इशहाक अंसारी, ज़ाहिद आज़ाद झंडानागरी, ज़ाहिद हई खान, डॉ जावेद बेग , जीएच कादिर, जावेद अहमद हयात, अनस आदि की उल्लेखनीय भागीदारी रही।