भारत़़-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में तस्कर का सबसे सुरक्षित मार्ग बना खुनुवा बार्डर
निजाम अंसारी
सिद्धार्थनगर। थाना शोहरतगढ़ स्थित खुनुवां चौकी पिछले कई महीनों से लगातार हो रही तस्करी के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है, जिसके कारण आज भी कस्बा शोहरतगढ़ की हर तीसरी गली में तस्करों ने अपना डंपिंग यार्ड बना रखा है। रात में कैरिएर लाकर कनेडियन मटर रखते हैं और इसे बाहर भेजते हैं। अब सवाल यह उठता है कि कस्बे में पुलिस बहुत संवेदन शील रहती है। बावजूद इसके तस्करी का माल शोहरतगढ़ से नेपाल और नेपाल से शोहरतगढ़ कस्बे में डंप क्यों किया जाता है। कौन है इसका जिम्मेदार और पुलिस उनके गोदामों को निशाना कब बनाएगी?
सूत्र बताते हैं कि खुनुवां चौकी पुलिस को भष्टाचार की गंगा नहलाने के बाद तस्कर शोहरतगढ़ कस्बे की हल्का पुलिस को गंगा नहला चुकी है। तस्कर इनके साथ मजबूत संबंध की बुनियाद पर ही दबंगई के साथ इरादे बुलंद रखे हैं । बहरहाल शोहरतगढ़ कस्बा तस्करों के लिए अभी तक सुरक्षित माना जा रहा है क्योंकि इन्हें लगातार संरक्षण मिल रहा है। ऐसे में जिले के कप्तान को ही अपनी पारी खेलनी होगी तभी तस्करी पर विराम लग सकता है ।
आम जनता के सामने बाइकों पर सात सात बोरे लादे हुवे कनाडियन मटर की खेप को जनता के सामने दहाड़ते हुवे लेकर जाना ऐसा महसूस होता है जैसे सीने पर सांप लॉट गया हो।और तो और हर एक घंटे पर 30 मोटर बाइकों का कस्बे में डिलीवरी देने अपने आप में एक सवाल उठता है क्या ऐसा है हमारा संविधान।