शिक्षक ने कुंडे से लटक कर जान दी, क्या है आत्महत्या का राज?
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। बासी कोतवाली क्षेत्र के मे तेलौरा चौराहे पर छत के कुंडे से लटक कर एक व्यक्ति ने जान दे दी। ३७ साल के मृतक का नाम बृजभान अरुण है। वह वहीं कानिवासी होने के साथ प्राथमिक स्कूल में शिक्षक था। उसकी मौत बेहद रहस्यमयी है। इसे लेकर कई तरह की चर्चा है।
बताया जाता है कि बृजभान की तेलौरा चौराहे पर दुकान भी है। बताते हैं कि वह अक्सर शाम को दुकान पर बैठता था और वहीं सोता भी था। गत सुबह जब देर तक दुकान का दरवाजा नहीं खुला तो ताला तोड़ा गया और अंदर कुंडे से बृजभान की लाश कुंडे से लटकती पाई गई।
अब सवाल यह है कि बृजभान सुखी था। कोई गृहकलह भी नहीं था।फिर उसने जान क्यों दी। कहते हैंकि उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला है,जिसमें इस मौत की जिम्मेदारीसे अपने परिजनों को बरी करते हुए आत्महत्या का कारण स्वास्थ्य खराब होना बताया है। लकिन सवाल हैकि क्या बृजभान को कोई ऐसी बीमारी थी? क्या सुसाइड नोट में ऐसा ही लिखा था।
जानकार बताते हैंकि उस प़त्र में केवल परिजनों को बचाया गया था। आत्महत्या का कारण सीघे स्वास्थ्य कारण नहीं लिखा गया था। बल्कि स्वास्थ्य का जिक्र किया गया था। सवाल है कि फिर बृजभान ने क्यों आत्महत्या की? इस बारे में बसिक शिक्षा विभाग के सूत्र चौंकाने वाली जानकारी देते हैं।
सूत्रों के मुताबिक घटना से एक दिन पूर्व ब्लाक शिक्षधिकारी उनके स्कूल में निरीक्षण करने गई थीं। उन्होंने बृजभान को मौके पर नहीं पाया। इससे नाराज होकर उन्हें गैरहाजिर कर दिया। उसी समय मृतक वहां पहुंच गया और उसने बतायाकि वह स्कूल आया हुआ है। वह बाहर शंका निवृति को गया था। इस दौरान आपने अनुपस्थित कर दिया। कहते हैं इसमें दोनों में नोक झोंक भी हुई।शिक्षक के प्रति जाति सूचक शब्दों का भी प्रयोग हुआ।
बताते हैं कि ब्लाक शिक्षाधिकारी के इस आचरण से वह बहुत दुखी और तनाव में था। किसी तरह उसने एक रात काटी मगर दूसरी रात वह तनाव झेल न सका और खुद को खतम कर लिया। अब इस घटना और पुलिस के बताये जा रहे तर्क में कितनी सच्चाई है यह तो गहन जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। बेसिक शिक्षा परिषद के नेताओं ने भी घटना की जांच की माग की है। वे कहते हैं कि शिक्षाधिकारी मैडम ही नहीं, उनके इर्दगिर्द घूमने वाले, यहां तक कि चालक भी शिक्षको से अमर्यदित भाषा में बातचीत करते हैं।