आर्सेनिक प्रकरणः बिथरिया पहुंची हेल्थ और यूनीसेफ की ज्वाइंट टीम, शासन को जाएगी रिपोर्ट
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज तहसील के बिथरिया गांव में आर्सेनिक मिश्रित पानी पीने से हो रही लगातार मौतों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजी जायेगी। सीएमओ सिद्धार्थनगर के बयान के बाद गांव की समस्या हल होने के आसार बढ़ गये हैं। इस गांव में हो रही लगातार मौतों पर कपिलवस्तु पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद प्रशासन हरकत में आया है।
कपिलवस्तु पोस्ट में प्रकाशित बिथरिया गांव में कैंसर से हुई एक दर्जन ताबड़तोड़ मौतों की खबर को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। खबर है कि इसके बाद गांव में स्वपास्थ्य विभाग और यूनीसेफ की संयुक्त टीम ने गत दिवस दौरा किया और हालात की जानकारी ली।
खबर है कि टीम में सीएचसी बेवा के अधीक्षक डा एन. के. गुप्ता, एचईओ मलिक सादिक हुसैन, यूनीसेफ के डीसी श्रीवास्तव व डीपीएम एनआरएचएम के अमरनाथ शामिल थे। टीम ने गांव में कई मृतकों के नुस्खे देखे और पानी के बारे में प्रथम दृष्टया जानकारी ली।
सूत्रों के मुताबिक टीम को पानी में आर्सेनिक और आयन मिलने की आशंका दिखी है। इस बारे में सीएमओ सिद्धार्थनगर जीसी श्रीवास्तव ने बताया कि वह जल्द ही टीम के निष्कर्ष के आधार पर जल्द ही एक रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। तत्पश्चात कोई ठोस उपाय किया जा सकेगा।
याद रहे कि बिथरिया गांव राप्ती नदी से सटा है। यहां का पेयजल अत्यनत प्रदूषित है। इसके कारण वहां कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। हालत यह है कि पिछले पांच महीनों में गांव में कैंसर से दस लोगों की मोत हो चुकी है। कई अन्य भी जलजनित बीमारियों से परेशान हैं।
बताया जाता है कि राप्ती नदी में बलरामपुर जिले से मिल का रासायनिक कचरा डालने से प्रदूषण की समस्या बहुत गंभीर हो गई है। लोगों का मानना है कि राप्ती का पानी जमीन के भीतर से नलो की कैविटी में पहुंचता है और वही पानी लोगों के शरीर में पहुंच रहा है।
पानी राप्ती का है या नहीं, प्रशासन अभी कुछ ठोस कह पाने की स्थिति में नहीं है। लेकिन उसका कहना है कि ऐसा मुमकिन है। जहां तक नदी में रासायनिक कचरा डालने की बात है उसे रोकने के लिए बड़े प्रसास करने होंगे, जो शासन स्तर से ही मुमकिन है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने जांच रिपोर्ट को शासन को भेजने का मन बनाया है।आर्सेनिक प्रकरणरः बिथारिया पहुंची हेल्थ और यूनीसेफ की ज्वाइंट टीम, शासन को जाएगी रिपोर्ट