तीन बालकों की अर्थियां एक साथ उठीं तो आसुओं के सैलाब में डूब गया तो अल्लापुर गांव का टोला जगदीशपुर
नजीर मलिक
डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत अल्लापुर के टोला जगदीशपुर गांव में मरघटी सन्नाटा पसरा है। सन्नाटे के बीच तीन घरों से रह रह कर निकल रही सिसकियों की आवाज ही सन्नाटे को तोडती है। वरना गहरी नीरवता को देख कर ही लग जाता हैकि यह गांव किसी भयानक हादसे से दो चार हुआ है। यही सच भी है। रविवार की शाम गांव के तीन होनहार किशोरों की पोखरे में डूबने से हुई मौत का असर चौबीस घंटे बाद भी दिखता है। सोमवार सायं जब तीनों की अर्थियां एक साथ उठीं तो सारी खामोशी एक पल में काफूर हो गयी। तीनों के परिवार ही नहीं गांव की भी अधिकाशं महिलाएं चीत्कार कर उठीं। तमाम मर्दों के चेहरे आंसुओं के सैलाब में डूब गये।
डुमरियागंज तहसील के नितांत पश्चिमी छोर पर बसे इस गांव मे इस वक्त दुखों का मेला लगा हुआ है। कल शाम से ही गांव में संवेदना व्यक्त करने वालों की निरंतर कतार लगी हुई है। विधायक सैयदा खातून,, सांसद जगम्बिका पाल के प्रतिनिधि, विभिन्न दलों के नेता, ब्लाक प्रमुख आदि गणमान्य पहुच कर तीनों परिवारों को सांत्वना देते रहे। डूब कर मरने वाले एक किशोर 13 साल के गौरव पांडेय के पिता अनुज पांडेय सांत्वना के दो शब्द सुनते ही बिलख पड़ते हैं और कहते है कि ईश्वर न जाने क्यों नाराज उनसे हो गया। 15 साल के दूसरे मृतक नारायण के पिता विजय पांडेय अजय पांडेय के भाई है। वह कहते हैंकि हम दोनांइयों ने सोचा भी नहीं थाकि दोनों के कुल दीपक एक साथ ही दनियां से चले जायंगे। वह छाती पीटते हुए बताते हैं कि उनका होनहार बेटा अब नहीं है। नारायण को डाक्टर बनाने का हमारा सपना अब कैसे पूरा होगा। इसी 15 साल के शिवा राजभर के पिता रामनरेश पर संवेदना व्यक्त करने का कोई असर नहीं है। वह लगातार आसूं भरी आखों से सबकों खामोशी से ताकते रहते है।
लगभग तीन बजे जब तीनों अर्थियां एक साथ गांव से निकलीं तो मानों कोहराम मच गया। उनके घरों की महिलाओं की चीख इतनी करुण थी कि गांव के मर्दो का कलेजा फटा जा रह था। लगभग तीन बजे लोग श्मशान घाट पर पहुंचे और वहीं पर उन्हें चिता पर विलीन किया गया। गांव में अभी भी सन्नाटा तारी है। रह रह कर सिसकियों की आवाज ही इस सन्नाटे को भंग करती है।
बता दें कि क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी गौरव नारायण आपस में चचेरे भाई थे। उनके साथ गांव के शिवा राजभर रविवार शाम को बारिश के दौरान घर से पोखरे की तरफ खेलने गए थे। बताया जा रहा है कि तीनों पोखर में बनी सीढ़ी पर नहा रहे थे। इसी बीच सीढ़ी पर काई जमा होने के कारण पैर फिसला और एक-एक करके गौरव और नारायण गहरे पानी में जाकर डूबने लगे। उन दोनों को डूबता देख बचाने के लिए आगे आए शिवा भी गहराई में चला गया। तीनों डूबने लगे, इसी बीच खेलने गए अन्य बच्चे उन्हें डूबता हुआ देखकर भागते हुए गांव में पहुंच कर लोगों को जानकारी दी।
सूचना पाकर पहुंचे ग्रामीणों ने बच्चों की खोजबीन जारी कर दी। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लगभग एक घंटे के प्रयास के बाद तीनों बच्चे अचेत अवस्था में मिले। उन्हें पानी से बाहर निकालकर तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेंवा ले जाया गया, जहां देखते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में सीओ डुमरियागंज सुजीत कुमार राय ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई थी। शव का पोस्टमार्टम करवाने से परिजनों ने मना कर दिया। इसके बाद पंचनामा करके उन्हें सुपुर्द कर दिया गया है