पंचायत चुनाव: लागू होगा चक्रानुक्रम आरक्षण, कभी भी हो सकती है गाइडलाइन जारी
नियमावली में संशोधन से दूर हुई विसंगति, देर-रात बदलाव संबंधी अधिसूचना भी जारी
अजीत सिंह
लखनऊ। यूपी में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव से पहले चक्रानुक्रम आरक्षण की कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया है। योगी सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन नियमावली में संशोधन कर आरक्षण व्यवस्था संबंधी आदेश जारी करने की अड़चन दूर कर दी है। देर रात अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बदलाव संबंधी अधिसूचना जारी कर दी। सरकार ने 17 मार्च तक आरक्षण की कार्रवाई पूरा करने का एलान किया है। गाइड लाइन कभी भी जारी हो सकती है।
2015 के पंचायत चुनाव में पंचायतराज पदों का आरक्षण व आवंटन नियमावली 1994 में 10वां संशोधन किया गया था। इसमें नया प्रावधान जोड़ा गया था कि अगर सामान्य निर्वाचन के पूर्व पुनर्गठन की कार्यवाही जनसंख्या वृद्धि अथवा अन्य कारणों से की जाती है तो उस चुनाव में पिछले आरक्षण को शून्य मानते हुए नए सिरे से कार्यवाही की जाएगी।
चार जिलों में आरक्षण नए सिरे से
चार जिलों गोंडा, शामली, मुरादाबाद और गौतम बुद्धनगर में सामान्य पुनर्गठन की कार्यवाही 2015 में पूरी नहीं हो पाई थी वह नवंबर-दिसंबर 2020 में की गई है। इसलिए इन जिलों में नए सिरे से पंचायतों के आरक्षण की कार्यवाही करनी होगी, जो प्रदेश के बाकी 71 जिलों की व्यवस्था से अलग होगी। सभी जिलों में एक तरह से क्रमिक आरक्षण समान रूप से आगे नहीं बढ़ पायेगा।
आरक्षण की गाइड लाइन कभी भी हो सकती है जारी
प्रदेश सरकार पंचायतों में आरक्षण के दिशा निर्देश कभी भी जारी कर सकती है हाई कोर्ट ने सरकार को ग्राम प्रधानों के चुनाव 30 अप्रैल तक कराने के दिशा निर्देश दिए हैं। इस निर्देश के बाद शासन स्तर पर कार्यवाही में तेजी आ गई है। सरकार ने 17 मार्च तक आरक्षण की कार्रवाई पूरा करने का ऐलान किया है