मिलन यादव मर्डर मिस्ट्रीः पुलिस का रहस्य से पर्दा उठाना अपने आप में रहस्य से कम नहीं
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।उस्का बजार थाने की पुलिस ने गत 28 अगस्त को रहस्मय हालात में हुया मौत का पर्दाफाश करने का दावा करते हुए मग्गन नामक शख्स को गैरइरादतन हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया है, परन्तु क्षेत्र के लोग इस ‘कथित पर्दाफाश’ मामले को संदेह की नजरों से देख रहे हैं। वैसे परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी पुलिस के दावे का समर्थन नहीं करते। जानकार इस प्रकरण में पुलिस द्धारा अभियुक्त को कत्ल की सजा से बचाने का आरोप लगा रहे हैं।
बता दें कि 45 वर्षीय मृतक राम मिलन यादव घटना के दिन दो बजे रात में रहस्यमय हलात में गांव के बाहर पाये गये थे। उनके शरीर पर गंभीर जख्म के निशान थे। जैसे उनको बुरी तरह मारा गया हो। बाद में लखनऊ इलाज के दौरान उनकी मुत्यु हो गई थी। तब उनके पुत्र रामपाल ने इस घटना की सूचना पलिस को दी थी, तहरीर में किसी पर शक जाहिर नहीं किया गया था। लेकिन बाद में कुछ सूचनाओं के आधार पर उन्होंने अपने ही गांव परसा खुर्द के मग्गन नामक आदमी पर हत्या का आरोप लगाया था। यह गांव थाने से सटा हुआ है।
बहरहाल मंगलवार को उस्का बाजार पुलिस ने मगग्न को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि मग्गन ने यह कत्ल जानबूझ कर राम मिलन की हत्या नहीं की, बल्कि उससे गैर इरादतन हत्या हुई। लेकिन पुलिस यह बता पाने में विफल है कि आखिर मग्गन सेकिस प्रकार और क्या चूक हुई जिससे मिलन को ऐसी चोट लगी कि उसका इलाज लखनऊ तक न हो सका और उसकी मौत हो गई। पुलिस इसे जस्टीफाई नहीं कर पा रही है।
अगर आप परसा खुर्द में जाएं तो यह बात आसानी से पता चल जाती है कि मृतक राम मिलन का अभियुक्त के परिवार की एक महिला से रागात्मक सम्बंध था और सम्भवतः यही राममिलन की मौत का कारण बना, मगर पुलिस ने मामले का इस प्रकार अल्पीकरण कर दिया जिससे मग्गन को दोषी पाने के उपरांत भी वास्तविक सजा न मिल सकेगी। इस बारे में मृतक के पुत्र रामपाल का कहना हैकि उसके पिता की हत्या की गई है, मगर बेचारा हत्या व गैर इरादतन हत्या का फर्क तक नहीं जानता। लिहाजा उसे पता नहीं कि उस्का बाजार पुलिस ने उसे गैरइरादतन हत्या बता कर पूरे मामले को ही ठंडा कर दिया है।