बलरामपुरः वीर हमीद की शहादत भारतीय इतिहास का सुनहरा अध्याय है- विकास मंच
सग़ीर ए ख़ाकसार
बलरामपुर (यूपी)। परमवीर चक्र विजेता अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद के 56वें बलिदान दिवस के अवसर पर बलरामपुर संयुक्त विकास मंच ने एक श्रद्धांजलि सभा की, जिसमें उनके जीवन वृत्त पर चर्चा करते हुए अमर शहीद के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर बलरामपुर संयुक्त विकास मंच के अध्यक्ष मोहम्मद इरफान पठान ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य अमर शहीद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। उनके 56वें शहादत दिवस पर पूरा देश उनकी वीरता और साहस को सलाम कर रहा है।
रफान पठान ने कहा किजनपद की अग्रणी सामाजिक संस्था बलरामपुर संयुक्त विकास मंच भारत मां के इस लाल को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। उन्होंने कहा कि 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग के मैदान में उन्होंने दुश्मन सेना के 7 पैटन टैंकों को ध्वस्त कर दिया था । इस युद्ध में उनकी बहादुरी और साहस के किस्से आज भी हर भारतीय की जुबान पर हैं।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि जांबाज भारतीय सैनिक अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई 1933 को गाजीपुर जिले के धामपुर गांव में एक साधारण इदरीसी दर्जी परिवार में हुआ था। 1965 भारत पाक दुश्मन के गोलों की परवाह न करते हुए उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।अब्दुल हमीद की सैन्य जीवन की शुरुआत 27 दिसंबर 1954 को भारतीय सेना की 4 ग्रेनेडियर्स के साथ हुई थी।
अपने सैन्य जीवन के दौरान उनको बहादुरी के सर्वोच्च सम्मान सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल, रक्षा मेडल, और मरणोपरांत सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से अलंकृत किया गया।
सारा देश उनकी वीरता और अदम्य साहस की गाथा गाता रहेगा। सभा में लोकेश श्रीवास्तव, मोहम्मद इकबाल फहीम, सोनू मिश्रा, समसुद्दीन अंसारी, शंकर लाल चौहान, शाहिद अंसारी, पुनीत कश्यप, रेहान अशरफ तुलसीपुरी आदि ने उपस्थित रहकर भारत मां के वीर सपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की