बहुचर्चित विकास हत्याकाण्ड के हत्यारों को आजीवन कारावास सहित 50 हजार रुपये का जुर्माना
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय चन्द्रमणि ने हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उन पर पचास-पचास हजार रुपयों का अर्थदण्ड लगाया और सजा भुगतने के लिए पुनः जेल भेज दिया है।
घटना इटवा थाना क्षेत्र के निर्माणाधीन राजकीय आईटीआई कालेज इटवा में 18 जनवरी 2021 को घटी थी। ढेबरुआ थाना क्षेत्र के ग्राम पचमोहनी निवासिनी सोनमती पत्नी अयोध्या प्रसाद गुप्ता ने पुलिस को तहरीर दिया था कि उसका लड़का विकास कुमार गुप्ता (17) माता प्रसाद इण्टर कालेज इटवा में पढ़ता है।
18 जनवरी 2021 को घर से बिना बताए शाम करीब 4.00 बजे निकला था। शाम को मेरे गाँव के लोगो द्वारा इटवा में देखा गया। जब शाम तक वापस नही आया तब परिजनो द्वारा उसे तलाश किया गया तो कही पता नही चला। 19जनवरी 2021 को कुछ लोगों से सुबह 9.00 बजे सूचना मिली कि एक लड़के की लाश नहर के पास स्थित नवनिर्माणाधीन आईटीआई कालेज इटवा के प्रथम तल पर पड़ा है। इस सूचना पर मौके पर वह तथा परिजन जाकर देखे तो उसके लड़के विकास कुमार गुप्ता की अज्ञात व्यक्तियों द्वारा किसी धारदार हथियार से गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गयी है। मौके पर काफी भीड़ भाड़ है, तथा लोगो में भय व आक्रोश है लाश मौके पर पड़ी है।
पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या के अपराध में एफआईआर दर्ज कर लाश का पंचनामा करवाकर पोस्टमार्टम करवाया और विवेचना शुरू किया। विवेचना के दौरान इटवा से बिषकोहर रोड स्थित अग्रहरि इंटरप्राइजेज, फैशन माल व पप्पू ज्वेलर्स पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तफ़शीश करते हुए 22 जनवरी को तीन लड़कों को गिरफ्तार कर लिया।
मौके से बीयर की कैन, चप्पल, एवं हत्या में प्रयुक्त ब्लेड एवं ग्लव्स बरामद हुआ। अभियुक्त पिंटू पाल के कपड़ों पर मानव रक्त के धब्बे भी पाए गए थे। पुलिस ने गवाहों का बयान दर्ज करते हुए थाना ढेबरुआ के ग्राम पचमोहनी निवासी पिंटू पाल पुत्र रामहरख व पंकज कुमार गौतम पुत्र बलिराम, इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम गनवारिया निवासी अतुल दुबे उर्फ विपिन दुबे पुत्र अजय कुमार दुबे को अभियुक्त बनाते हुए न्यायालय में 8 अप्रेल 2021 को आरोप पत्र दाखिल किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले का संज्ञान लेते हुए उसे सत्र परीक्षणीय पाकर विचारण के लिए 22 अप्रेल 2021 सत्र न्यायालय को सुपुर्द कर दिया। सत्र न्यायालय ने पत्रावली को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया। पत्रावली का न्यायालय ने विचारण शुरू किया। विचारण की समाप्ति पर न्यायालय ने दोनों पक्षों की अंतिम बहस सुनकर निर्णय के लिए तिथि मुकर्रर किया।
न्यायालय ने विचारण के दौरान उपलब्ध गवाहों की गवाही, जिरह, पंचनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बरामदगी, सीसीटीवी फुटेज की तस्वीरों एवं अन्य सुसंगत दस्तावेजों व घटना के तथ्यों एवं परिस्थितियों का सम्यक परिशीलन करते हुए अभियुक्त पिंटू पाल एवं अतुल दुबे उर्फ विपिन दुबे को हत्या का दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित करते हुए उनपर 50-50 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है। अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने की दशा में दोषियों को 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
7 सितम्बर 2021 को न्यायालय ने अभियुक्त पंकज गौतम को किशोर घोषित करते हुए उसके विचारण के लिए पत्रावली पृथक करके किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया था जिसका विचारण चल रहा है। अभियोजन पक्ष की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फ़ौजदरी राजेश कुमार त्रिपाठी एवं वादिनी द्वारा नियुक्त किये गए अधिवक्ता त्रिपाठी सहोदर भाई ने किया।