विकास गुप्ता हत्याकांड का खुलासा, तीन गिरफ्तार, क्राइम पेट्रोल देख कर बनाया था हत्या का प्लान

January 22, 2021 3:37 PM0 commentsViews: 5041
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प्रेम में प्रतिद्धंदिता व ब्लैकमेलिंग के चक्कर में गई विकास की जान, उसी दिन परीक्षा देकर लौटा था विकास गुप्ता  

अभियुक्तों के साथ पीसी करते एसपी राम अभिलाष व मृतक विकस गुप्ता

आरिफ मकसूद/नजीर मलिक

इटवा, सिद्धार्थनगर। जिले के चर्चित विकास गुप्ता हत्याकांड का खुलासा आज हो ही गया। इस घटना में तीन युवक गिरफ्तार कर लिए गये हैं। कपिलवस्तु पोस्ट अपनी इंवेस्टीगटिव स्टोरी में फिर अव्वल रहा। जैसा कि कपिलवस्तु पोस्ट ने कल की स्टोरी में लिखा था कि हत्या में मौके से बरामद ब्लेड आदि पुलिस को गुमराह करने के लिए रखे गये थे। लेकिन कत्ल धारदार हथियार से किया गया था, ब्लेड से नहीं।

यही नहीं कपिलवस्तु पोस्ट ने हत्या के पीछे गांव के ही एक कलंकित प्रेम प्रकरण की तरफ इशारा किया गया था, अन्ततः वही कहानी निकली। पकड़े गये तीनों युवकों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उन्हें जेल भेजे जाने की तैयारी चल रही है। एसपी राम अभिलाष त्रिपाठी ने आज प्रेस कान्फ्रेंस कर इस घटना का पटाक्षेप कर दिया है, जिसमें प्रेम त्रिकोण की एक लोमहर्षक कहानी सामने आई है।

कक्षा 11 के छात्र विकास गुप्ता के कत्ल में तीन किरदार हैं। जिनमें सबसे खास 21 साल का पिंटू पाल और दूसरा उसका साथी पंकज कुमार गौतम हैं, दोनों इटवा से कुछ दूर झकहियां चौराहे के पंचमोहनी गांव थाना ढेबरुआ के निवासी हैं। तीसरा अतुल दुबे नामक युवक है जो इटवा थाने के गनवरिया का रहने वाला है।  इन्हीं तीनों द्धारा मिल कर हत्या को अंजाम दिया।

बताते हैं कि 18 जनवरी को पिंटू और पंकज मिल कर विकास गुप्ता को लगभग 4 बजे अपने साथ इटवा ले गये। वहां उन्होंने एक और साथी गनवरिया निवासी अतुल दुबे को लिया। तत्पश्चात वे माता प्रसाद इंटर कालेज के पास आईटीआई भवन के प्रथम तल पर गये। जहां तीनों ने रात में लगभग आठ बजे तेज धारदार हथियार से गला काट डाला। फिर उन्होंने पुलिस को गुमराह करने के लिए लाश के पास ब्लेड, मेडिकल के दास्ताने शराब की बोतल आदि छोड़ कर वहां से निकल गये और उसके फोन को अतुल दुबे के गांव के पोखरे में फेंक दिया

ब्लैकमेल कर प्रेमिका छीनना चाहता था विकास

इस सनसनीखेज हत्या के पीछे की कहानी अत्यंत सनसनीखेज है। दरअसल पचमोहनी के पिंटू का बलरामपुर जिले की अपनी ही रिश्ते की बहन से प्रेम  चल रहा था। वह लाक डाउन के समय महीनों पंचमोहनी रही थी। उसी दौरान उसके पिंटू से सम्बंध बन गये थे। गांव के साथी के रूप में विकास यह बात जान चुका था। उसने दानों की आपत्तिजनक फोटो भी खींच रखा था। वह कभी कभी उस लड़की से हंसी मजाक भी करता था। जब वह लड़की अपने घर चली गया तो विकास उससे फोन पर बात भी करने लगा था।

पूरी प्लानिंग से हुई हत्या


बाद में पिंटू को लगा कि विकास गुप्ता पहले के फोटो के आधार पर  बात को सार्वजनिक करने जैसी बातें कर उसे ब्लैकमेल करता है और उसकी प्रेमिका भी छीनने पर तुला हुआ है। अतः वह विकास को खत्म करने की सोचने लगा। 18 जनवरी को विकास परीक्षा देकर आया तो चार बजे पिंटू उसे लेकर फिर इटवा गया और पूरी प्लानिंग से उसकी हत्या कर दी।  पकड़े जाने पर उसने अपना अपराध कबूल भी कर लिया है। अब वह अपने कृत्य पर पछता रहा है

क्राइम पेट्रोल से मिला हत्या का आइडिया

पुलिस की प्रारभिक पूछ ताछ में हत्या स्थल पर ब्लेड, दास्ताने आदि छोड़े जाने पर तीनों ने बताया कि यह काम उन्होंने पुलिस को भ्रमित करने के लिए किया था। पिंटू ने बताया कि वह क्राइम थ्रिलर का एपीसोड क्राइम पेट्रोल टीवी पर देखता था। पुलिस को गुमराह करने का आडिया उसे वहीं से मिला।

एसओ रणधीर मिश्र रहे असली इंवेस्टीगेटर

इस कांड की तफ्तीश के लिए इटवा, ढेबरूआ, त्रिलोकपूर और एसओजी की चार टीमे बनाई गई थीं। जिसमें एसओ त्रिलोकपुर रणधीर मिश्र का रोल अहम रहा। उन्होंने ने ही सबसे पहले घटना स्थल के करीब एक प्राइवेट दुकान की सीसीटीवी खंगालने की सोची और उसमें घटना से ठीक पहले के समय में विकास पिंटू के साथ दिख गया। इस प्रकार इस पेचीदा मामले का खुलासा हुवा।

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