गावों में नहीं हो रही सफाई, सरकारी खजाना जरूर साफ हो रहा
हमीद खान
इटवा,सिद्धार्थनगर। शासन की मंशा थी कि शहरों की भांति गावों की भी साफ सफाई हो। ताकि हर ग्रामीण गंदगी से दूर व संक्रमिक रोगाें से बचा रहे। लेकिन सफाईकर्मियों और प्रधानों की मिलीभगत से गांव की सफाई तो नही हो रही, सरकारी खजाना जरूर साफ हो रहा है।
सरकार द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर सफाई कर्मियों की भर्ती गांव को सफ रखने के नीयत की थी। लेकिन जिम्मेदारों की मनमानी के चलते भनवापुर विकास क्षेत्र के ग्राम गौरा बड़हरी, नावडीह, फूलपुर राजा, विस्कोहर के अलावा इटवा विकास क्षेत्र के ग्राम केवटली, मैना, पुरैना, सिरसिया, मधुबेनिया, बहुती सहित आधिकांश गांव की सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। और जिम्मेदार तरह तरह के बहाने बनाकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे है।
इस बारे में कर्मी और ग्राम प्रधान की मिली भगत से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। प्राप्त समाचार के अनुसार लाखों रुपया सरकार द्वारा प्रति माह सफाई कर्मियों के वेतन व अन्य सुविधाओं के नाम पर खर्च किया जा रहा है। बावजूद एक-एक गंाव की हालत बद से बदतर बताई जा रही है।
गांव की नालियां पूरी तरह से बजबजा रही हैं और सफाई कर्मियों का लम्बे अरसे से पता नहीं है। ग्रामीण रमेश कुमार ,बालकिशुन, असरफ अली, किशोर, पियारे आदि का कहना है कि सफाई कर्मी अक्सर ब्लाक मुख्यालय पर साहब के आगे पीछे टहलते दिखाई पड़ते हैं।
जिससे गांवों की गलिया व नालिया तो नही साफ हो रही हैं, लेकिन मानदेय के नाम पर लाखों रुपया सरकार का जरुर साफ हो जाता है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से जांच कर कार्यवाही की मांग की है।