विधायक विनय शंंकर तिवारी की कम्पनी पर छापा, कहीं कार्रवाई राजनीतिक तो नहीं?
नजीर मलिक
गोरखपुर। पूर्व बाहुबली व पूर्वांचल के ब्राहमण समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त राजनीतिज्ञ हरिशंकर तिवारी के छोटे पुत्र वविधायक विनय शंकर तिवारी की व्यापारिक कम्पनी गंगोत्री इंटर प्राइजेज के कार्यालयों पर प्रदेश भर में सीबीआई ने मारा छापा। इस छापेमारी की पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक चर्चा हो रही है।
प्राप्त विवरण के अनुसार सीबीआई ने गंगोत्री इंटर प्राइजेज के लखनऊ नोएडा गोरखपुर के कार्याालयोंं पर छापा मारा। यह छापा १५०० करोड़ के बैंक लोन घोटाले से सम्बिधित बताया जा रहा है। इसमें बैक का लोन का दुरुपयोग तथा उसका अन्यत्र निवेश करने का आरोप है। जबकि विनय शंकर तिवारी का कहना है कि सह एक राजनीतिक कदम है और ब्राह्मण समाज के उत्पीड़न की एक कड़ी है।
सीबीआई की छापेमारी पूर्णतः राजनीति से प्रेरित- विनय
इस संदर्भ में चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी का कहना है कि यह राजनति से प्ररित एक कदम है और सिर्फ ब्राम्हण होने की वजह से उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसके पहले भी सरकार बनते ही हमारे आवास “तिवारी हाता” पे छापा मरवा के सरकार ने अपना घिनौना चेहरा दिखा दिया था।
उन्होंने दावा कि उनकी बैंक की करीब छह सौ करोड़ की देनदारी है तो उनका भी सरकार पर सात से आठ सौ करोड़ की लेन दारी भी बाकी है। मामला बैंक से है सरकार सीबीआई के माध्यम से उत्पीड़न कर रही है। सामान्य तौर पर देखा जाए तो विरोध की आवाज दबाने के लिए सीबीआई और ईडी की मदद ली जा रही है।
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिन पहले विनय शंकरतिवारी, उनके बड़े भाई व पूर्व सांसद कुशल तिवारी को बसपा सुप्रीमों मायावती ने प्रदेश भर में ब्राहमणों को बसपा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया था और दोनों भाई इसमें लगे भी हुए थे। इसलिए गोरखपुर में बसपा वर्कर और तमाम ब्राह्मण इसे सरकार द्धारा बदले की कार्रवाई की संज्ञा दे रहे हैं।