सिर्फ लालबत्ती हटाने से नहीं खत्म होगा बीआईपी कल्चार- रज्जन पाण्डेय
एम. आरिफ
इटवा, सिद्धार्थनगर। जनता की नजरों में ऊंचा दिखने के लिए हमारे नेता इसका त्याग कर देंगे…लेकिन क्या सड़क पर उनका काफिला भी निकलना बंद हो जाएगा? क्या देश के टोल नाकों पर नेताओं का समर्थकों के साथ हंगामे पर भी ब्रेक लगेगा? क्या लालबत्ती हटने के बाद हमारे नेता आम आदमी की तरह बिना सुरक्षा के सड़कों पर निकलेंगे। उक्त बातें जिला पंचायत सदस्य रज्जन पाण्डेय ने कपिलवस्तु पोस्ट से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि सिर्फ लालबत्ती से तौबा कर लेने से आम और खास में फर्क नहीं मिटेगा। दुनियां के ज्यादातर देशों में वीआईपी कल्चर नहीं के बराबर है। जिस देश में सरकारी विमान में पसंदीदा सीट नहीं मिलने पर एक सांसद कर्मचारी की सरेआम चप्पल से पिटाई कर दे, वहां वीआईपी कल्चर इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा ये कहीं से हजम नहीं होता।
हमारे देश में सत्ता के नशे में नेता क्या-क्या कर जाते हैं ये हर किसी को मालूम है…कहीं कोई टोल प्लाजा कर्मचारी की पिटाई कर देता है …तो कहीं कोई नेता किसी जिले में डीएम को सरेआम गाली देकर जलील करता है। हमारे देश के नेता सत्ता की हनक में ये भूल जाते हैं कि उन्हें सार्वजनिक जीवन में किस तरह बर्ताव करना चाहिए।
जनता के पैसे पर मौज करने वाले नेताओं की लालबत्ती लगी गाड़ी में तो घूमना बंद हो जाएगा…लेकिन जब तक उनकी बाकी सुविधाएं खत्म नहीं कर दी जातीं तब तक उन्हें आम बताना बेमानी होगी। क्या मोदी सरकार संसद में बिल लाकर सांसदों की मुफ्त हवाई सेवा, ट्रेन सेवा और दूसरी सुविधाएं खत्म कर सकती है….रेलवे की वीआईपी लिस्ट में शामिल सांसदों का यात्रा के दौरान ट्रेन में किस तरह आवभगत होती है ये हर किसी को मालूम है। हमारे देश से वीआईपी कल्चर तभी खत्म होगा जब हमारे नेता आम इंसान की तरह सोचना शुरु करेंगे।