कोरोना पीडि़त को डाक्टर से 3.76 लाख वापस करा कर सुर्खियों में आये विश्वजीत त्रिपाठी गोरखपुर की पहचान बन गये
अजीत सिंह
गोरखपुर। मुख्यमंत्री का गृहजनपद गोरखपुर भी अन्य जनपदों की तरह कोविड की मार से घायल है। वहां करोना से नागरिकों की वही दुर्दशा है जो प्रदेश के अन्य जिलों की है। ऐसे में मददगार के रूप में जनता के बीच के कुछ नये व युवा चेहरे उभर कर सामने आ रहे हैं। उन्हीं में एक है विश्वजीत त्रिपाठी। बेतिया हाता के पार्षद विश्वजीत को लोग प्यार से सोनू के नाम से भी पुकारते रहते हैं।
गोरखपुर नगर निगम के पार्षद सोनू त्रिपाठी इस कोरोना काल में गरीब और पीड़ित लोगों के लिए मसीहा बन कर उभ्ररे हैं। वह लाकडाउन में भखमरी के कगार पर पहुंचे गरीबों को मुफ्त खाना बांटते हैं। आस पास से आये गरीब पड़ितों को यथासंभव आक्सीजन की व्यवस्था कराते हैं। उनके साथ युवाओं की पूरी टीम काम करती है। वह लाकडाउन से पूर्व ब्राहमण समाज को सपा से जोड़ने की मुहिम मे लगे हुये थे। बकौल विश्वजीत अब पीड़ित मानवता की सेवा से उन्हें संतुष्टि मिलने लगी है।ॽ
विश्वजीत त्रिपाठी पिछले दिनों गोरखपुर के एक कोरोना पीड़ित परिवार से डाक्टर द्धारा ठगे गये 3 लाख 76 हजार रूपया वापस करा कर सुर्खियों में आये । उन्होंने यह रकम डाक्टर से वापस कराकर उसका चेक पीड़ित परिवार को सौंपा। इसके बाद वह इस मामले को महामारी लोक शिकायत समिति के अध्यक्ष के पास लेकर गये। उनके इस कृत्य के एक आडियों को दो लाख से अधिक लोगों ने सुना। सोनू त्रिपाठी का कहना है कि वह अस्पताल संचालक को सजा दिलाने का प्रयास करेंगे। क्योंकि पैसा वापस होना कोई दंड नहीं है। इस बारे में उमेश त्रिपाठी कहते हैं कि जिस समय नगर विधायक गायब हैं उस समय विपक्षी दल के विश्वजात त्रिपाठी सोनू लोगों की आशाओं के केन्द्र बने हुए हैं।
गोरखपुर के उमेश जालान कहते हैं कि जन प्रतिनिधियों को सपा पार्षद सेनू त्रिपाठी से सबक लेना चहिए मोहद्दीपुर के असलम व रवि बताते हैं कि आधी आ रात को सोनू जी और उनकी टीम लोगों को खाना व दवा बांटते देखा जा सकता है। वास्तव में वह इस समय शहर में मसीहा की तरह हैं। जिनसे लोगों की काफी उम्मीदें जुड़ी हैं। जनहित के मुद्दे हों या किसी की व्यक्तिगत परेशानी वह हमेशा सबके साथ खड़े रहते हैं। ऐसे में सल्यूट है सोनू त्रिपाठी को।