Great Work- रेड लाइट एरिया में सीसीटीवी से ‘रानियां’ बौखलाईं और ‘राजा’ की जान को खतरा
सुखद संयोगः प्रशासनिक क्षमता से अलग एक इंसान के रूप में जिले के डीएम और एसपी दोनों ही संवेदनशील, इसलिए उम्मीदें कायम
नजीर मलिक
इटवा , सिद्धार्थ नगर। हिंदी के प्रसिद्ध अलोचक और देश के एक दर्जन साहित्य पुरस्कारों से नवाजे गये डा.विश्वनाथ त्रिपाठी का कस्बानुमा गांव बिस्कोहर एक बार फिर सुर्खियों में है। यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के इस गांव का पश्चित टोला मोहल्ला आम तौर से नाचने गाने एवं जिस्मफरोशी करने वाली बालाओं को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है। लेकिन इस बार पश्चिम टोला में सीसीटीवी लगाये जाने को लेकर जिस्म की “रानियों” में बौखलाहट है। बौखलाहट की मूल वजह इन्हीं रानियों में से किसी की कोख से जन्मा ‘राजा’ नाम का एक युवक है, सीसीटीवी को लेकर जिसकी जान को खतरा पैदा हो गया है।
क्यों बौखला गईं बिस्कोहर तवायफें?
बिस्कोहर कस्बे के पश्चिम टोले में वेश्यावृति में लिप्त रहने वाले तकरीबन तीन दर्जन परिवार रहते हैं। ऊपरी तौर पर इनका काम शादी ब्याह में नाच गाने का धंधा करना है, लेकिन इनका वास्तविक पेशा जिस्मफरोशी ही है। यह धंधा का खुल्लम खुल्ला होता है। इसे कभी भी मौके पर जा के देखा जा सकता है। इस धंघे को रोकने की कई कोशिशें भी हुईं। मगर पुलिस और कुछ दलालनुमा राजनैतिक रूप से प्रभावशाली लोगों की सांठगांठ के चलते कभी कोई प्रयास सफल न हो पाया।
बहरहाल अब प्रशासन ने उस मुहल्ले में सीसीटीवी कैमरा लगाना शुरू करदिया है। यह देख कर जिस्मफरोशी करने वाली बालाओं में आक्रोश होना स्वाभाविक है। इससे उनका धंध ठप हो जाएगा। उनके इर्दगिर्द पलने वाले दलालों की कमाई भी बंद हो जाएगी। इसलिए वह नहीं चाहती कि इस टोले में सीसी कैमरे लगें। इसके लिए वे राजा को जिम्मेदार मानती हैं। बकौल राजा अब तो उसे अपनी जान का खतरा भी दिखने लगा है।
पश्चिम टोला की रानियों से क्यों डर रहा राजा
30 साल का राजा भी उन्हीं में एक तवायफ की कोख से जन्मा औलाद है। समझदार होने की उम्र पाने के बाद से वह इस पेशे से घृणा करने लगा है। वह और उसका भाई बाहर की सामान्य लडकियों से शादी कर के उस गलीज समाज से अलग रह रहे हैं। राजा ने ठान रखा है कि वह बिस्कोहर में यह घृणित काम बंद करा कर ही रहेगा। इसके लिए वह लगातार आवाज उठाता व शासन प्रशासन से पत्र व्यवहार करता रहता है। इससे वे हुस्न की रानियां अक्सर उससे नाराज रहतीं हैं। कई बार उसके साथ मार पीट भी की जा चुकी है। एक बार तो उस पर तेजाब से हमला भी किया जा चुका है।
लेकिन इस बार राजा का मानना है कि उसकी जान पर संकट खड़ा हो गया है। राजा बताता है कि पश्चिम टोले में सीसी कैमरा लगने का जिम्मेदार राजा को ही मानती हैं। न वह उनके पेशे के खिलाफ बगावत करता न ही वहां शासन प्रशासन इतनी चौकसी करता। इसीलिए बिस्कोहर की रानियां अपने ही समाज के राजा को फूटी आंखों से नहीं देखना चाहतीं हैं। राजा भी आजकल डर के मारे अपने पड़ोसी जिले बलरामपुर में कहीं रात गुजारता है। वह केवल दिन में ही वहां आता है।
डीएम एसपी का साथ सुखद संयोग है
यह सुखद संयोग ही है कि सिद्धार्थनगर में पुलिस अधीक्षक के रूप में एक संवेदनशील और आध्यात्म में रुचि वाले राम अभिलाष त्रिपाठी जी आये हैं। जो नैतिक और सामाजिक मूल्यों को समझते हैं। यही नहीं वर्तमान जिलाधिकारी दीपक मीणा की पहचान पहले से ही मानवीय गुणों से परिपूर्ण आफिसर के रूप में होती है। इसी के साथ त्रिलोकपुर थाने के थानाध्यक्ष पद पर रणधीर मिश्र की तैनाती है जो वर्षों से सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहने वाले दारोगा के रूप में पहचाने जाते हैं। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि पश्चिम टोले की पहचान अब डा.विश्वनाथ बत्रिपाठी के नाम से होगी और इस कस्बे को ‘नगरवधुओं के गांव’ के कलंक से मुक्ति मिलेगी।