अब महाराजगंज में गर्मा रहा बीजेपी कार्यालय के सामने युवती के जल मरने का मामला
— अंंजलि तिवारी कांड मेें पूर्व राज्यपाल के बेटे व कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी सेे बढ़ा सियासी तापमान
शिव श्रीवास्तव
महराजगंज। यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रदेश भाजपा कार्यालय के सामने मंगलवार को एक महिला की जल मरने के मामले की लपटें अब महाराजगंज में पहुंच कर माहौल को गर्म करने लगी हैं। अंजली तिवारी नामक महिला इसी जिले की है और इसमें पूर्व राज्यपाल के बेटे “जो कांग्रेस नेता भी हैं” की गिरफ्तारी ने अचानक जिले का सियासी तापमान बढ़ा दिया है।
आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने राजस्थान के पूर्व राज्यपाल स्व. सुखदेव प्रसाद के पुत्र व कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष आलोक प्रसाद को हिरासत में ले लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक कुमार महिला के संपर्क में थे।
बताया जा रहा है कि रात करीब दो बजे गोमतीनगर आवास से कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आलोक प्रसाद को पुलिस उठा ले गई है। हजरतगंज कोतवाली में पूछताछ की जा रही है। इससे आक्रोशित कांग्रेसियों ने बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज की प्रतिमा के पास धरना दिया।
महराजगंज के वीर बहादुर नगर मोहल्ला निवासी पूर्व जिलाध्यक्ष आलोक प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद महराजगंज में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेसियों ने राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के तहत उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है। जैसे ही आलोक प्रसाद को हिरासत में लेने की खबर जिले में पहुंची, जिलाध्यक्ष अवनीश पाल के नेतृत्व में कांग्रेसी सदर कोतवाली पहुंच गए। वहां वे अलोक की रिहाई और निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कांग्रेस नेता आद्या प्रसाद खरवार, रेनू गुप्ता, हनुमान प्रसाद, पूर्णमासी प्रसाद, विनोद तिवारी, संदीप, राजेश कुमार सहित अन्य कांग्रेसी नेता धरने पर बैठ गये।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
मृतक महिला अंजली के पास मिले एक पत्र में लिखा है कि, उसकी पहली शादी 2014 में महराजगंज के अखिलेश तिवारी से हुई थी। करीब चार साल तक दोनों साथ रहे, फिर मनमुटाव होने पर अलग हो गए। इसके बाद वह आसिफ के संपर्क में आई। उसने धर्म बदलकर आयशा नाम रख लिया और आसिफ से निकाह कर लिया। आसिफ के साथ वह दो-तीन साल रही। आसिफ काम के सिलसिले में सऊदी अरब चला गया। वह आसिफ के घरवालों के साथ रहना चाहती थी, लेकिन उन्होंने साथ रखने से इनकार कर दिया।
इससे परेशान अंजलि ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद वह मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ आई। यहां भी मुलाकात न हो पाने पर उसे कोई रास्ता नहीं दिखा तो आत्मदाह किया था। आरोप है कि आसिफ के परिजन लगातार महिला को प्रताड़ित कर रहे थे। प्रताड़ना से परेशान होकर महिला ने विधानसभा के सामने ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग लगा ली थी। इससे पहले लखनऊ पुलिस ने पूरी जानकारी के लिए पुलिस की एक टीम महराजगंज भेजी गई है।
राजधानी से महराजगंज पहुंचे सीओ आलमबाग
उधर अंजली प्रकरण की जांच के लिए लखनऊ के आलमबाग सर्किल के सीओ दिलीप कुमार सिंह मंगलवार की देर रात महराजगंज पहुंचे। उन्होंने स्थानीय एसओ, चौकी इंचार्ज सहित अन्य लोगों से घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता से भी मिले। महराजगंज क्राइम ब्रांच की टीम भी लखनऊ रवाना हो गई है।
मामले की जांच के लिए सीओ आलमबाग महराजगंज आए थे। उन्होंने घटनाक्रम से जुड़े सभी तथ्यों की जानकारी हासिल की है। यहां से क्राइम ब्रांच की टीम को लखनऊ भेजा गया है। लखनऊ में मुकदमा दर्ज है। लखनऊ पुलिस जांच कर रही है।
बताते चलें कि विधानसभा के सामने व भाजपा प्रदेश कार्यालय के गेट नम्बर दो पर मंगलवार दोपहर को महिला ने खुद को आग लगा लिया था। जिसके बाद से महिला का इलाज हजरतगंज के सिविल हॉस्पिटल में बर्न यूनिट में चल रहा था। करीब 24 घंटे के बाद महिला ने 7:15 मिनट पर इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।इस बारे में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सकों ने महिला को बचाने की कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। वह बेहद गंभीर हालत में सिविल अस्पताल आई थी, जहां तमाम प्रयासों के बाद उसकी मौत हो गई।।