पीएचसी खुनियाव के प्रभारी व क्षय रोग अधिकारी डा. एम.डब्ल्यू. खान को हटाने की साजिश?
एम. आरिफ
इटवा, सिद्धार्थनगर। जिला क्षय रोग अधिकारी एम डब्लू खान और एक स्वास्थ्य कर्मचारी के बीच दो सप्ताह से चल रहे विवाद को राजनीतिक तूल पकड़ा दिया गया है । स्वास्थ्य कर्मचारी एसटीएलएस दिग्विजय पांडेय ने दो सप्ताह पूर्व जिलाक्षय रोग अधिकारी पर गाली गलौज देने का आरोप लगाते हुए शिकायत उच्च अधिकारियों से की थी। । जबकि एम डब्लू खान ने इन आरोपो को बेबुनियाद बताते हुए पूरे प्रकरण को साजिश की संज्ञा दी है।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने बताया मामला फर्जी
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने जिला अधिकारी को एक पत्र के माध्यम से मामले को निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। संघ के सचिव डॉ सौरभ चतुर्वेदी ने कहा है कि डॉ खान पर जो आरोप लगाये गये हैं, वे सभी संघ की अपनी जांच में फर्जी पाये गये हैं । जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी गई है । उन्होंने बताया कि दिग्विजय पांडेय स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर उन्हें दिग्भ्रमित कर डॉ खान को डीटीओ पद से हटवाने का कुचक्र कर रहे हैं।
पीएचसी खुनियांव के कर्मचारीयों ने कहा हम करेंगे हड़ताल
पीएचसी खुनियांव कर्मचारी जिला क्षय रोग अधिकारी के पक्ष में लामबंद हैं । उन्होंने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र के माध्यम से डा.एम डब्लू खान पर लगे आरोपो को निराधार बताया है । उन्होंने चेतावनी दी है कि एम डब्लू खान के विरुद्ध साजिश कर कोई कार्रवाई की गई तो समस्त कर्मचारीगण त्यागपत्र देने साथ हड़ताल के बाध्य होंगे ।
वीरेंद्र कुमार गौतम , पन्ना लाल, पारसनाथ चौधरी , कल्पना श्रीवास्तव , उमेश यादव , दिनेश सिंह ,अनिल गुप्ता, अमित कुमार आदि समस्त खुनियांव पीएचसी कर्मचारियों ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र के माध्यम से प्रकरण के निष्पक्षता से जांच कर साजिश करने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है ।
पीएचसी खुनियांव के प्रभारी भी हैं एम डब्लू खान
एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते डा. एम डब्लू खान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुनियांव के प्रभारी भी हैं । डॉ खान की देख रेख में पीएचसी खुनियांव को कायाकल्प अवार्ड मिल चुका है । इस वर्ष राष्ट्रीय एंव राज्य स्तरीय अवलोकन में खुनियांव जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त किया है । जिसकी प्रसंशा स्वास्थ्य मंत्री भी कर चुके हैं।
गौर तलब है कि जब पूरा देश कोरोना महामारी के चलते अस्त व्यस्त है, ऐसे में डाक्टरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। वो अपनी जान को दाँव पर लगा कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। सरकार इन योद्धाओं पर फूल बरसा रही है। पर जिला सिद्धार्थनगर में एक अल्पसंख्यक स्वास्थ्य अधिकारी को षड्यंत्र कर उन्हें परेशान किया जा रहा है । जिसमें सत्ताधारी पक्ष एक नेता का दिलचस्पी लेना चर्चा का विषय बना हुआ है। जिनसे एक ईमानदार अधिकारी हजम नहीं हो पा रहा है । जिसके कारण उन्हें हटाने का षड्यंत्र किया जा रहा है।