पुल हुआ तैयार मगर उद्घाटन लटका
“ज़िला मुख्यालय से सटे जमुआर नाले पर कंक्रीट का पुल छह महीने पहले बनकर तैयार हो चुका है लेकिन अभी इसका उद्घाटन होना बाकी है। इस पुल की आधारशिला उत्तर प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने रखी थी। सिद्धार्थनगर ज़िला प्रशासन अभी तक इस पुल के उद्घाटन की कोई सीमा नहीं तय कर सका है।”
जमुआर नाले पर सालों पहले काठ का एक पुल बना था। जो वक़्त के साथ बूढ़ा हो गया और उसके सभी खंभे जर्जर होने लगे। जब भी जमुआर नाले में पानी का दबाव बढ़ता तो इस रास्ते पर आवाजाही रोक दी जाती। इससे दोआबा क्षेत्र का संपर्क कई दिनों तक मुख्यालय से कट जाता और इलाक़े के लोगों को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसीलिए लंबे वक्त से जमुआर नाले पर एक पक्के पुल के निर्माण के लिए आवाज उठ रही थी। लगभग दो साल पहले प्रदेश के कबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने काठ के पुल के स्थान पर नये पक्के पुल की आधारशिला रखी और निर्माण के लिए एक साल की समय सीमा तय की।
मगर पुल के निर्माण में लगातार देरी होने लगी। इसके खिलाफ सत्ता पक्ष के कई नुमाइंदों ने कंस्ट्रक्शन एजेंसी के खिलाफ आवाज उठायी और निर्माण ने रफ्तार पकड़ लिया। इस तरह कई जद्दोजहद के बाद यह पुल 6 महीने पहले ही बनाकर पूरा कर दिया गया। इसके बाद इसके उदघाटन को लेकर कयासबाजियों का दौर शुरु हो गया, मगर अभी तक इसकी तारीख़ मुकर्रर नहीं हो सकी है।
बता दें कि पहले स्थानीय लोगों को महराजगंज जाने के लिए बृजमनगंज होकर जाना पड़ता था, मगर अब नये पुल की सुविधा से लोटन होते हुए महराजगंज पहुंचना आसान हो गया है। इस पुल से आवागमन शुरु होने के बाद दोनों जनपदों की दूरी भी 30 किलोमीटर तक घट गयी है।