एक पब्लिशर ने महान संतों में आसाराम को दी जगह, शिक्षा विभाग ने स्कूलों को जारी किया नोटिस
जोधपुर : यौन उत्पीड़न के आरोप में 23 महीने से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को दिल्ली के एक पब्लिकेशन ने मोरल एजुकेशन की किताब में महान संत बताया है। यह किताब जोधपुर के 80 से ज्यादा स्कूलों में तीसरी क्लास के बच्चों को पढ़ाई जा रही है।
डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर अरविन्द व्यास ने कहा कि किताब में आसाराम को संत के रूप में पढ़ाने वाले स्कूलों को नोटिस जारी करके जवाब मागेंगे। जोधपुर में तीसरी क्लास के बच्चों को जीके की किताब में आसाराम को संत पढ़ाया जा रहा है।
यह बात सामने आने पर शिक्षा विभाग ने जोधपुर के 80 स्कूलों को नोटिस देने की तैयारी कर ली है। डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर अरविन्द व्यास ने कहा कि किताब में आसाराम को संत के रूप में पढ़ाने वाले स्कूलों को नोटिस जारी करके जवाब मागेंगे। सोमवार को शिक्षा विभाग उन 80 स्कूलों को नोटिस जारी करेगा जिन्होंने बच्चो को यह किताब पढ़ाई है।
इस बीच जोधपुर में जिन स्कूलों में यह किताब पढाई जा रही उन स्कूलों के अभिभावक राज्य सरकार व शिक्षा विभाग से नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो जेल में किसी अपराध में बंद है उनके बारे में बच्चों को शिक्षा देना गलत बात है।
क्या है पूरा मामला
एनसीईआरटी के सीसीई पैटर्न पर आधारित इस किताब में देश के लिए अमूल्य योगदान देने वाले महान संतों और महात्माओं के साथ आसाराम की फोटो छापी गई है। नई दिल्ली के गुरुकुल एजुकेशन बुक्स की ओर से मोरल एजुकेशन और जनरल नॉलेज पर पब्लिश ‘नया उजाला’ किताब के पेज नंबर 40 पर मशहूर संतों के फोटो छापे गए हैं।
इनमें गुरु नानक, महावीर, कबीर, विवेकानंद, मदर टेरेसा, मीराबाई, शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस, दयानंद सरस्वती और बाबा रामदेव के बीच आसाराम की फोटो भी है। इसमें इन्हें आसाराम बापू नाम से संबोधित किया गया है।