एक माह से 22 पोस्ट आफिसों पर लेन देन ठप, गरीब का बैंक है, एक माह बंद रहे या एक साल
हमीद खान
पोस्ट आफिस गरीबों का बैंक माना जाता है। इटवा तहसील के 22 डाकघरों पर एक महीने से लेन देन बंद है। दूसरी तरफ जिम्मेदारों को इस बात का पता ही नहीं कि डाकघर एक महीने से तकरीबन बंद पड़े है।
डाकघर इटवा में गत 09 सितम्बर से जमा-निकासी का कार्य एकदम ठप है। यहां नकद धन समेत, आरडी, एनएससी, किसान विकास पत्र आदि की जमा-निकासी नहीं हो रही है।
यही हाल बिस्कोहर, त्रिलोकपुर, गागापुर, महादेवघुरहू, खडसरी, धनगढ़वा, धोबहा सहित कुल 22 शाखा डाक घरों का भी है। इससे गांव के करीब लोगों के काम किस तरह प्रभावित होंगे, इसका अंदाजा लगाना कठिन नहीं है।
सवाल है कि आरडी खाता धारक बीते सितम्बर माह में पैसा नहीं जमा कर पाये हैं। उस पर लगने वाले विलम्ब शुल्क को कौन जमा करेगा? इस लिये विभाग को विलम्ब शुल्क माफ करना चाहिए।
इलाके के खाताधारक राजेश गुप्ता, राम शंकर, शान्तिदेवी सहित अन्य खाताधारकों ने बताया “जमा-निकासी न होने से उनकी हम खाताधारकों क परेशानी बढ़ती जा रही है।
इस बारे में डाकघर के पोस्टमास्टर बताते हैं कि सभी को कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ा जा रहा है। इसलिए लेन देन मुमकिन नहीं।
इस सम्बंध में एसपीओ बस्ती आई.के. शुक्ला के दूरभाष नम्बर 9451607995 पर पूंछा तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया। और कहां कि डाकघर बंद नहीं होना चाहिए। वह मामले को देखेंगे। अब डाक अधीक्षक साहब को ही पता ही नहीं कि उनके 22 शाखाओं में लेन देन बंद है।
दूसरी तरफ गरीब उपभोक्ताओं का कहना है कि यह गरीब का बैंक है। एक महीना बंद रहे या एक साल, जिम्मेदारों के चूल्हे की आंच तो बुझने वाली नहीं है।