फिर झुलसा एक लाइनमैन, क्या बिजली विभाग ने प्राइवेट लाइनमैनों की सुपारी ले रखी है ?
संजीव श्रीवास्तव
खस्ताहाल बिजली व्यवस्था को दुरुस्त बनाने में प्राइवेट लाइनमैनों का योगदान अहम होता है, मगर लगता है कि सिद्धार्थनगर का बिजली विभाग प्राइवेट लाइनमैनों का सुपारी किलर बन गया है। हाल में प्राइवेट लाइनमैनों के साथ हुई घटनाएं तो यही साबित करती हैं।
गुरुवार को इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम बेलवा में सौ केवी का ट्रांसफार्मर लग रहा था। इस कार्य को इसी थाने के ग्राम करोंदा खालसा निवासी 30 वर्षीय विनोद कर रहा था। उसने शटडाउन भी लिया था, मगर कार्य पूरा होने के पहले इस स्थान पर लाइन सप्लाई कर दी गयी।
करंट से विनोद बुरी तरह से झुलस गया। इस घटना के बाद जब इटवा के अवर अभियंता वी.पी. सिंहा से पूछा गया, तो उन्होंने विनोद को जानने से इंकार कर दिया और साफ लहजे में कह दिया कि इस कार्य से विभाग का कोई लेना-देना नहीं है।
विनोद के परिवारवालों का कहना है कि वह आठ वर्ष से बिजली विभाग में प्राइवेट लाइनमैन के रुप में कार्य कर रहा था। ऐसे में अवर अभियंता का उसको जानने से इकार करना स्वयं में सवाल पैदा कर रहा है।
20 दिन पहले ही इटवा तहसील क्षेत्र के भावपुर पिपरी में एकलाख एवं 18 सितम्बर को डुमरियागंज में पवन की मौत भी बिजली कर्मियों की लापरवाही से हुई थी। दोनों मृतक भी प्राइवेट लाइनमैन थे और पोल पर कार्य करते समय ही मरे थे। वैसे अगर एक वर्ष की बात करे, तो कम से कम आधा दर्जन प्राइवेट लाइनमैनों की जान बिजली विभाग ले चुका है। ऐसे में उसे प्राइवेट लाइनमैनों का सुपारी कहना ही उचित होगा।