मौसम कार्यशाला पर एसइएस ने दी जानकारी
कपिलवस्तु पोस्ट, बांसी, सिद्धार्थनगर। न्यू पब्लिक इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान के तहत कपिलवस्तु शोध एवं विकास संस्थान बांसी द्वारा क्षेत्रीय संर्न्दभित संस्था शोहरतगढ एनवायरलमेणंट सोसाइटी के सौजन्य से मौसम परिवर्तन की परम्परागत जानकारी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को किया गया। पूर्व खंड विकास अधिकारी राम उजागिर पाण्डेय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि पूर्व प्राध्यापक भूगोल माधव प्रसाद द्विवेदी ने सम्बोधित करते हुए महाकवि घाघ एवं तुलसीदास कहावतो व मुहावरो पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा- ‘शुक्र दिनां की बादरी रहै शनिचर छाव, घाघ कहै सुन घाघनी बिन बरसै नही जाये’। विशिष्ट अतिथि ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ने कहा परम्परागत कहावते उस समय के देशकाल के अनुरूप थे। सम्भव है आज उसकी प्रसंगिता। उन्होने मौसम परिवर्तन का ध्यान देते हुए अपनी रचना कुछ इस तरह पेश किया- मेरे गाँव की मिट्टी महकती है। विशिष्ट अतिथि सुशील सागर ने पर्यावरण जागरूकता अभियान पर रचना प्रस्तुत किया- हवायें बदली हो तो फिर आसमान बदलेगा, जमीन बदलेगी तो हर इक मकान बदलेगा। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे राम उजागिर पाण्डेय ने कार्यशाला की प्रशंसा करते हुए अपनी 76 वर्ष की आयु की अनेक अनुभवो को प्रकट किया और कहा लोग रूपये-पैसे, सोने-चाँदी आदि का संरक्षण तो करते है लेकिन जीवन दायिनी हवा, पानी मिट्टी आदि का संरक्षण नही करते। कार्यशाला के दौरान कपिलवस्तु शोध संस्थान के सचिव डॉ0 जयनरायण मिश्र ने आये हुए अतिथियो व प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला को रत्नेश चतुर्वेदी, राजेश चन्द्र त्रिपाठी, रंजन नाथ त्रिपाठी, प्रवीण त्रिपाठी दिनेश कुमार पाण्डेय तथा विनोद त्रिपाठी राहुल द्विवेदी ने भी सम्बोधित किया। कार्यशाला के अंत में संस्थान के संमन्वयका विनोद कुमार श्रीवास्तव ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यशाला में विद्यालय की छात्रायें साक्षी द्विवेदी, निधि, आँचल, दामिनि, गोल्डी, पूजा, शिवांगी , शगुन के अलावा छात्र सोनू, विवेक, नदीम, राघवेन्द्र, अनुराग सहित तमाम प्रतिभागी उपस्थित रहे।