उपभोक्ताओं को टारगेट कर लूट रहा सिद्धार्थनगर बिजली विभाग

August 11, 2015 4:10 PM0 commentsViews: 542
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संजीव श्रीवास्तव

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“सिद्धार्थनगर का बिजली विभाग ‘राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट’ की तर्ज पर तीन लाख गरीब उपभोक्ताओं को टारगेट कर लूट रहा है। बढ़ा बिजली बिल लेकर उपभोक्ता दर-दर को भटक रहे हैं। मगर उनकी सुनवाई ना तो एसडीओ अखिलेश्वर प्रसाद कर रहे हैं और ना ही जिले के मुखिया डीएम डॉक्टर सुरेंद्र कुमार।”

बिजली विभाग की यह लूट हालिया बिल में उजागर हुई है। 15 जुलाई से 10 अगस्त तक का बिजली बिल जब जारी हुआ तो रकम देखकर उपभोक्ताओं के होश उड़ गए। बिजली विभाग ने इस बार बिल 1792 रुपए का भेजा है जबकि अभी तक एक महीने का बिल आठ सौ अस्सी रुपए आता है। मतलब यह है कि जिन उपभोक्ताओं के घर में बिजली मीटर नहीं लगे हुए हैं, बिजली विभाग ने एक ही झटके में उनपर बिल का बोझ दोगुना कर दिया है।

वहीं एसडीओ अखिलेश्वर प्रसाद ने साफ किया है कि जिनके घरों पर मीटर नहीं है, उन्हीं के बिल में यह बढ़ोतरी की गई है। एसडीओ का दावा है कि वह सिर्फ ऊपरी आदेश को फॉलो कर रहे हैं यानीकि समाजवादी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आदेश। वहीं उपभोक्ताओं का आरोप है मीटर लगाने की उनकी एप्लीकेशन बिजली विभाग के कूड़ेदान में फेंक दी गई है। दर्जनों चक्कर काटने के बावजूद विभाग के अधिकारी उनके घरों में मीटर नहीं लगवा रहा हैं।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक ईश्वर चन्द्र शुक्ला ने कहा है कि सपा शासनकाल में अफसरों को लूट की खुली छूट दी गयी है। एक ओर सरकार उपभोक्ताओं को भरपूर बिजली दे पाने में असफल है, तो दूसरी तरफ बिल में मनमाने रुप से बढ़ोत्तरी कर उन्हें लूटा जा रहा है। इस मसले पर कांग्रेस पार्टी खामोश नहीं बैठेगी, जल्द ही आंदोलन होगा।

बहरहाल, कड़वी सच्चाई यह है कि समाजवादी सरकार और उनके अफसरों के बीच सिद्धार्थनगर ज़िले का आम आदमी भारी-भरकम बिजली के बोझ तले बुरी तरह दब गया है।

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