लोहिया ग्राम विकास योजना की पोल खोलता गांव
कपिलवस्तु पोस्ट, सिद्धार्थनगर।
“प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लोहिया ग्राम विकास योजना का जनाज़ा अगर किसी को देखना है तो उसे सिद्धार्थनगर ज़िले में चयनित हुए गांव का दौरा करना चाहिए। हर वक़्त फाइलें लेकर दौड़ने वाले अफ़सरों को देखकर ऐसा लगता है कि ज़िले में विकास कार्य तूफानी रफ्तार से हो रहा है मगर ज़मीनी नज़ारा शर्मसार करने वाला है। लोहिया ग्राम विकास योजना में चयनित गांवों में पीने का पानी तक नहीं है।”
भनवापुर विकास खंड के लोहिया समग्र गांव अमौली एकडेंगा में बुनियादी सुविधाओं का ढांचा नहीं तैयार हो पाया। अभी तक इस गांव में जल निकासी को कोई इंतज़ाम नहीं हुआ। गांव की गलियों में बनाई गई सीसी सड़कें इस्तेमाल से पहले ही टूट चुकी हैं। कमोबेश पूरा गांव सरकारी नल के पानी की उम्मीद छोड़ चुका है। छोटे नल का दूषित पानी पीना ग्रामीणों की नियति बनी हुई है। नगरीय तर्ज पर सुविधा मिलने की आस लगाए ग्रामीण अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
वर्ष 2014-15 में चयनित गांव में सिर्फ शौचालय निर्माण में दिलचस्पी दिखाई गई। सीसी सड़क के नाम पर आए 20 लाख कहां खर्च हुए, यह बताने वाला कोई नहीं है। पांच सौ मीटर की बजाय ठेकेदार सिर्फ सौ मीटर की सड़क बनाकर फरार हो गया। आधी-अधूरी सड़क के बगल में नाली नहीं बनाए जाने के कारण घरवाले अब खुद ही गड्ढा खोदकर उसमें गंदा पानी जमा करने को मजबूर हैं। बिजली से वंचित इस गांव में विद्युतीकरण की बातें भी अभी तक सिर्फ कागज़ी साबित हुई हैं।
यह हाल समाजवादी पेंशन और वृद्धा पेंशन जैसी योजनाओं का है। रमेश कुमार कहते हैं कि लोहिया गांव चयनित होने पर खुशी हुई थी कि बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना नहीं पड़ेगा लेकिन हम गलत साबित हुए। वहीं केशवराम का कहना है कि सीसी सड़क निर्माण का काम अधूरा छोड़कर ठेकेदार फरार हो गया है और नाली न बनाए जाने से जल निकासी की समस्या पहले से बढ़ गई है। इसी तरह प्रहलाद का कहना है कि उदासीन प्रशासन खराब नलों की मरम्मत तक नहीं करवा पा रहा है। जगन्नाथ का कहना है कि गांव का एक टोला बिजली से महरूम है, जिसकी चिंता किसी को नहीं है। वहीं कंचन का आरोप है कि गांव में पात्र सभी सरकारी योजनाओं से दूर है, जबकि रसूखदार अपात्रों को इसके लाभ आसानी से मिल रहे हैं।
समग्र गांव अमौली एकडेंगा की कुल आबादी 1707 है और वोटरों की संख्या 1200। इसके सापेक्ष यहां साक्षरता दर 40 प्रतिशत है। गांव में पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय के अलावा आंगनवाड़ी केंद्र बना है। 12 ग्रामीणों को लोहिया आवास व 3 परिवारों को इंदिरा आवास मिला है। बीपीएल 41, अंत्योदय 20 व अतिरिक्त बीपीएल के 23 कार्डधारक हैं। 331 मजदूरों को जाबकार्ड जारी किया गया है। गांव में मिनी सचिवालय नहीं है। 53 घरों में शौचालय निर्माण हुआ है। भूमिहीन परिवार नहीं हैं।
ग्राम प्रधान अमौली एकडेंगा किसमतुन्निशां ने कहा कि ग्राम पंचायत में जितना बजट आता है उसके अनुसार विकास कार्य कराए जा रहे हैं। जो काम अन्य विभागों को सौंप दिया गया है उसी में शिथिलता के चलते समस्या आ रही है। सीसी सड़क निर्माण व विद्युतीकरण अधूरा छोड़े जाने की शिकायत की जा चुकी है। वहीं बीडीओ भनवापुर भगवान सिंह ने घिसेपिटे अंदाज़ में कहा कि लोहिया समग्र गांव शासन की प्राथमिकता वाला गांव है, जहां किसी विकास कार्य की कमी नहीं रहेगी। बजट के अभाव के चलते कार्य में तेजी नहीं आ पा रही है। अन्य विभागों के अधिकारियों को अपना कार्य शीघ्र पूरा कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है।