सुनिए डीएम साहब! हमारी बर्बाद फसल का मुआवज़ा क्या आसमान से टपकेगा?
संजीव श्रीवास्तव
“उत्तर प्रदेश में किसानों को बांटे जा रहे मुआवज़े का फिर मज़ाक बना है। इस बार यह तमाशा नेपाल की सीमा से सटे सिद्धार्थनगर ज़िले में सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने यहां सिर्फ दो विकास खंड लोटन और नौगढ़ के लिए साढ़े सात करोड़ रुपए का आवंटन किया जबकि बाकी 12 विकास खंडों के बर्बाद किसानों को एक पाई भी नसीब नहीं हुई। वहीं सिद्धार्थनगर से सटे बस्ती ज़िले के लिए यूपी सरकार ने 27 करोड़ रुपए का मुआवज़ा जारी किया। सिद्धार्थनगर ज़िला यूपी के विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का गृह जनपद है।”
रबी की फसल चौपट होने के बाद अखिलेश सरकार ने किसानों को मदद का आश्वासन दिया था। उन्होंने जिलाधिकारी से प्लाट टू प्लाट जाकर नुकसान का आकलन कराने का निर्देश जारी किया था। मगर सिद्धार्थनगर डीएम डॉक्टर सुरेंद्र कुमार को 12 विकासखंडों में एक भी किसान ऐसा नहीं मिला जिसकी फसल बर्बाद हुई हो। अफसरों की इस नाकामी की वजह से अखिलेश सरकार मुकामी किसानों की नजर में खलनायक बन गई है।
डुमरियागंज संसदीय सीट से बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल ने अखिलेश सरकार के इस रवैये को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा है कि फिर माता प्रसाद पांडेय सरीखे बड़े नेताओं के होने का क्या मतलब है जब वह अपने ही गृहजनपद के किसानों के साथ इंसाफ नहीं करवा पा रहे हैं। जगदम्बिका पाल ने कहा है कि वह इस मसले पर ख़ामोश रहने वाले नहीं हैं। सरकार के इस रवैये के खिलाफ पूरे ज़िले में आंदोलन किया जाएगा।