शहर हुआ पानी-पानी मगर, उनकी आंखों में पानी नहीं है
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला हेडक्वार्टर के रूप में सिद्धार्थनगर टाउन को महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन व्यवस्था की दृष्टि से यह जिले का सबसे बदरंग टाउन है। गंदगी, अतिक्रमण तो है ही, पिछले दो दिनों से शहर पानी पानी है, मगर जिम्मेदारों की आंख का पानी सूखा हुआ है। गरीब आदमी परेशान है, मगर उसकी आवाज कोई नहीं सुन रहा है।
शनिवार की रात से शुरू बरसात ने शहर की पोल खोल दी। मात्र आठ घंटे की बारिश का नतीजा सह हुआ की शहर के कई मुहल्ले पानी में डूब गये। शहर के मुख्य चौराहे से थाना होते हुए विकास श्भवन और कलेक्ट्रेट जाने वाली सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है। दो दिन से राजाना लोग घुटनों भर पानी में घुस कर जा रहे हैं। लेकिन प्रशासन का जल निकासी की चिंता नहीं है।
थाने के बगल से सिविल लाइन वार्ड में जाने वाली संडक पर भी पानी है। इस मुहल्ले में कई मकानों में पानी भरा हुआ है। उधर सेंट जेवियर स्कूल के पास बसी नई बस्ती के अनेक घरों में पानी घुस गया है। वहां पर जरूर प्रशासन के लोग गये थे, लेकिन समस्या का निदान नहीं कर सके। रामचन्द्र कहते हैं कि इस सरकार में अफसर और नेता सब निडर और लापरवाह हो गये हैं। बरसात खतम होते ही नाला सफाई के नाम वा लाखों का वारा न्यारा हो जायेगा।
दरअसल थाना रोड पर नाला की हालत खराब और उसके पतले होने की वजह ही सारी समस्या की जड़ है। नगरपालिका के चुनाव में अक्सर इसी मुद्दे को उठा कर नेता दो वार्डों के वोट लेते हें मगर बाद में भूल जाते हैं। अब नगरपालिका पर प्रशासन का कब्जा है, लेकिन वह भी सो रहा है। नागरिक कहते हैं कि प्रशासन को कया पड़ी है कुछ करने की। अफसर और उनके बच्चे तो चौपहिया वाहनों से निकलते हैं। परेशानी गरीब की है और ग़रीब की परेशानी न नेता महसूस करता न ही अफ़सर।