शोहरतगढ़ः पप्पू चौधरी निर्दल चुनाव लड़ कर पेश करेंगे दलीय उम्मीदवारों को चुनौती
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे चौधरी रवीन्द्र प्रताप उर्फ पप्पू चौधरी इस बार निर्दल उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने पूरी रणनीति तैयार कर ली है। उनके इस फैसले से शोहरतगढ़ में उनकी सियासी भूमिका को लेकर संशय समाप्त हो गया है।
शोहरतगढ़ के सियासी हल्कों में कयास लगाया जा रहा था कि पूर्व विधायक पप्पू चौधरी भाजपा, कांग्रेस या बसपा से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन अब सारी कयासबाजियां खत्म हुईं। श्री चौधरी निर्दल उम्मीदवार के रूप में तमाम दलों को चुनौती देंगे, यह तय हो गया है।
दरअसल पप्पू चौधरी खेमे का मानना है कि दलों के दलदल में हर तरफ कीचड़ ही है। विधायक अपने दल से बंध जाता है, इसलिए वह दल के हिसाब से काम करने को मजबूर होता है। जबकि निर्दल विधायक के पास ऐसी कोई मजबूरी नहीं होती है।
वैसे भी बसपा से चौधरी अमर सिंह का टिकट कटने आैर भापा नेता साधना चौधरी की उदासीनता के चलते कुर्मी बाहुल्य इस क्षेत्र में सजातीय मतों में पहले से ही मजबूत श्री चौधरी अब कुर्मी समाज के एक मात्र क्षत्रप के रूप में स्थापित हो चुके हैं।
दल कोई भी हो जनाधार नहीं टूटा
दरअसल पप्पू चौधरी को शोहरतगढ़ में बेहद मजबूत जनाधार वाला नेता कहा जाए तो गलत न होगा। वह चुनाव में हारे हों या उन्हें जीत मिली हो, उनका जनाधार सदा बरकरार रहा। दो बार वह चुनाव हारे तो भी हार का अंतर बहुत मामूली था।
बढ़नी ब्लाक में उनकी मजबूती की हालत यह है, कि पिछले 6 चुनावों में वह इस विकास खंड में सदा भारी लीड लेते रहे। मुसलमानों के तमाम वोटरों ने भी अपने सजातीय उम्मीदवार या पसंदीदा पार्टी को छोड कर उनका साथ दिया। कांग्रेस जैसी थकी हारी पार्टी से उनका चुनाव जीतना इसका प्रमाण है।
क्या कहते हैं पूर्व विधायक
इस बारे में कपिलवस्तु पोस्ट से बात करते हुए पूर्व विधायक श्री चौधरी ने कहा कि उन्होंने अपने जनाधार का किला खुद बनाया है किसी दल के बल पर नहीं। उन्होंने कहा कि 1991 में जब शोहरतगढ़ के तत्कालीन भाजपा विधायक का टिकट काट कर, उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था, तो भाजपा का पूरा कैडर उनके खिलाफ था। इसके बावजूद वह लगातार चुनाव जीते।
इसी प्रकार जब वह कांग्रेस से चुनाव लड़े तो पहले के मुकाबले बेहतर वोटों से जीत हासिल की। पिछली हार की वजह तत्कालीन पार्टी सांसद का क्षेत्र से कटना बताते हुए उन्होंने कहा कि इन्हीं हालात सब हालात के मद्देनजर निर्दल चुनाव लडने का फैसला किया है।
अब आने वाले चुनाव में जीत-हार किसकी होगी, यह बाद की बात है, लेकिन इतना तो तय है कि खुर्द को निर्दल उम्मीदवार घोषित कर पूर्व विधायक ने क्षेत्र के सियासी समीकरण को तो गड़बड़ा ही दिया है।
9:50 AM
Jeet pakki h…Aap koi bhi party se lade ham aap ke sath h…
12:12 PM
Very nice pappu chowdhry good person